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सीएम ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित उसके सहयोगियों पर राजनीतिक लाभ के लिए अशांति फैलाने और घटना का फायदा उठाने का आरोप लगाया है। मुर्शिदाबाद में 11 अप्रैल को भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल भी हुए हैं। लोगों की संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है और कई परिवार विस्थापित भी हो गए हैं।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा की वजह से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  ने शनिवार को एक सार्वजनिक अपील जारी कर लोगों से शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह किया है।

सीएम ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सहित उसके सहयोगियों पर राजनीतिक लाभ के लिए अशांति फैलाने और घटना का फायदा उठाने का आरोप लगाया है।

ममता ने पत्र में क्या लिखा?

एक पत्र जारी कर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया, "कुछ समूह दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि का उपयोग विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए कर रही है। भाजपा और उसके सहयोगी दल अचानक पश्चिम बंगाल में बहुत आक्रमत हो गए हैं। इन सहयोगियों में आरएसएस भी शामिल है। ये ताकतें उकसावे पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि का उपयोग कर रही हैं। ये विभाजनकारी राजनीति खेलने के लिए पृष्ठभूमि का उपयोग कर रहे हैं।"

ममता ने सांप्रदायिक सद्भाव और एकजुटता पर जोर देते हुए कहा, "मेरी अपील है कृपया शांत रहें। हम सांप्रदायिक दंगों की निंदा करते हैं और उन्हें रोकना चाहिए। दंगों के पीछे अपराधियों से सख्ती से निपटा जा रहा है। बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों को एक साथ काम करना चाहिए और एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए।"

'हमने कड़ी कार्रवाई की है'

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार द्वारा हिंसा से निपटने की प्रयासों पर भी बात की और पुष्टि की कि पुलिस प्रशासन ने हिंसा से निपटने के लिए तेजी से कार्रवाई की है।

उन्होंने कहा, कानून व्यवस्था बनाए रखने और मानव जीवन और सम्मान को बचाने के लिए, हमने कार्रवाई की है। दो पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया है। पुलिस जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई का

राजनीतिक विरोधियों पर राज्य को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा, "वे दंगे भड़काना चाहते हैं और दंगे सभी को प्रभावित कर सकते हैं। हम एक साथ रहना चाहते हैं और हम सभी को प्यार करते हैं। हम दंगों की निंदा करते हैं और हम दंगों के खिलाफ हैं। वे हमें चुनावी राजनीति के लिए विभाजित करना चाहते हैं।"

क्या है पूरी घटना?

 

बता दें, मुर्शिदाबाद में 11 अप्रैल को भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल भी हुए हैं। लोगों की संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है और कई परिवार विस्थापित भी हो गए हैं। कुछ लोग झारखंड के पाकुड़ जिले में चले गए और अन्य लोगों ने मालदा के राहत शिविरों में शरण ली है।

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