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उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हम परंपरागत मुल्ला और मौलवी बनाने की बजाय बच्चों को वैज्ञानिक बनाना चाहते हैं। सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर काम करती है। उन्होंने महाकुंभ और अयोध्या के मुद्दे पर भी विपक्ष पर हमला बोला। 

दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्षियों पर जमकर बरसे। उन्होंने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया। सीएम ने कहा, हम तो परंपरागत मुल्ला और मौलवी बनाने की बजाय बच्चों को वैज्ञानिक बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि बच्चे पढ़-लिखकर वैज्ञानिक बनें। स्कूलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। ये डबल इंजन की सरकार करा रही है, लेकिन कठमुल्लापन की संस्कृति नहीं चलेगी।

भाजपा सरकार का संकल्प है कि किसी बच्चे के साथ भेदभाव नहीं होगा। बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकार कदम बढ़ा रही है

संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पूरी दुनिया प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर गौरव की अनुभूति कर रही है तब विपक्ष के हमारे साथी इस पर छीटाकंशी कर रहे है। उन्होंने कहा कि हर महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना होता है। उपहास, विरोध और स्वीकृति...

सीएम योगी ने विपक्ष पर किया हमला

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में अयोध्या का जिक्र कर विपक्ष पर अपने शाब्दिक हमले को और मजबूत करते हुए कहा कि आपने देखा होगा कि जब हमने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का कार्य रहा हो या प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन का काम कराना रहा हो। दोनों ही कार्यों की शुरुआत में विरोधी दल हमारा उपहास किया करते थे, लेकिन हमको अपने सामर्थ्य पर विश्वास था, जब मंदिर बन गया तो ये लोग कहने लगे ..'राम तो सबके हैं'।

सोमवार को सीएम योगी ने विपक्ष को दिया था करारा जवाब

सीएम योगी ने कहा कि किसी ने सच कहा था, 'महाकुम्भ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला- गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, भक्तों को भगवान मिले।'

भाजपा सरकार लोगों की भावनाओं के साथ नहीं खेलती- योगी

कहा था, 'हम समाजवादी पार्टी की तरह जनता की धार्मिक भावनाओं के साथ नहीं खेलते हैं। इनके मुखिया के पास कुंभ की निगरानी करने और उसकी भव्य व्यवस्था देखने के लिए समय नहीं है, इसलिए उन्होंने एक गैर सनातनी को महाकुंभ का इंचार्ज बनाया।'