
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जन सुराज पार्टी (जसुपा) का हाथ थामा है। आरसीपी सिंह के जसुपा में शामिल होने के साथ ही उनकी पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का भी जसुपा में विलय हो जाएगा। इस घटनाक्रम से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है।
पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने की सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम में को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जन सुराज पार्टी (जसुपा) का दामन थाम लिया है। आरसीपी सिंह के जसुपा में शामिल होने के साथ ही उनकी पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का भी जसुपा में विलय हो जाएगा।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे RCP सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह राजनीति में आने से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे चुके हैं। वे 1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी थे। उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और फिर IAS में चयनित हुए।
पीके के विचारों से प्रभावित होकर जसुपा में शामिल हुए
पूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह जन सुराज पार्टी के विचारों से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ ही उनके कई समर्थक भी जसुपा में शामिल हो गए। RCP सिंह के राजनीतिक अनुभव से पीके की पार्टी को आगामी चुनाव में मजबूती मिलेगी।
सात महीने पहले किया पार्टी का गठन
आरसीपी सिंह ने सात माह पहले आप सबकी आवाज (आसा) का गठन किया था। इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि बिहार कि 140 विधानसभा सीटों पर उनके मजबूत प्रत्याशी हैं। उनकी पार्टी इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी के गठन के महज 7 महीने बाद ही अब आरसीपी सिंह ने जसुपा का दामन थाम लिया है।
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