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जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने भू-माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि को तत्काल अवैध कब्जा से मुक्त कराया जाए। किसी भी सरकारी या सरकारी विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं रहना चाहिए। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने नलकूप विभाग सिंचाई विभाग नगर पंचायत गंगापुर और सहकारिता विभाग की जमीनों पर अतिक्रमण नहीं हटने पर नाराजगी व्यक्त की।

वाराणसी। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने सोमवार को एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स की बैठक के दौरान चिह्नित भू- माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा कि अभियान चलाकर सरकारी भूमि को तत्काल अवैध कब्जा से मुक्त कराया जाए। किसी भी सरकारी व सरकारी विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं रहना होगा। 

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने नलकूप विभाग के जमीन संबंधित चार प्रकरण में कब्जा मुक्त के लिए समुचित प्रयास नहीं करने तथा बैठक में अनुपस्थित रहने पर अधिशासी अभियंता नलकूप के खिलाफ स्पष्टीकरण के निर्देश दिए।

स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश

इसी प्रकार अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग भदोही प्रखंड, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत गंगापुर, सहकारिता विभाग की जमीनों पर अतिक्रमण नहीं हटने तथा सक्षम अधिकारी द्वारा बैठक से गायब रहने पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही स्पष्टीकरण तलब करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने सख्त रूप से निर्देशित किया कि जिन विभागों की जमीन भू माफिया के कब्जे में है, अविलंब मुक्त कराएं। अगली बैठक के पूर्व समस्त सरकारी जमीन कब्जा मुक्त हो जानी चाहिए। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) विपिन कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला जिला कृषि अधिकारी, पुलिस विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये हो रहे खर्च, फिर भी मूलभूत समस्याएं यथावत

शहर में विकास नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च किया जा रहा है। वहीं सुनियोजित तरीके से विकास कार्य न होने के कारण बुनियादी समस्याएं यथावत बनी हुई हैं। इसे देखते हुए नगर निगम ने विशेषज्ञता वाली एक परामर्श फार्म नियुक्त करने का निर्णय लिया है ताकि शहर में सुनियोजित तरीके से कार्य कराया जा सके।

वहीं निगम अब 35 साल में होने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए विस्तृत कार्ययोजना बनाएगी। नगर की आबादी भी तेजी से बढ़ रही है। निगम पर जनसंख्या व पर्यटकों का दबाव भी बढ़ रहा है। वहीं निगम का निगम का दायरा 82.1 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर अब 186.75 वर्ग किलोमीटर हो गया है।

नवशहरी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं व पुराने वार्डों में बुनियादी ढांचों में सुधार के अलावा पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करना निगम के लिए चुनौती बनता जा रहा है। हालांकि निगम 15वें वित्त आयोग के अनुदान शहर में तमाम कार्य करा रहा है। इसमें जलनिकासी के लिए सीवर पाइप लाइन, पेयजल, सड़क व गलियों की मरम्मत शामिल है। इसके बाद भी शहर की तस्वीर नहीं बदल पा रही है। इसके पीछे निगम की परंपरागत कार्य शैली बाधक बना हुआ है।

दूरगामी सोच के साथ शहर में काम न होने का खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है। इसे देखते हुए अब विशेषज्ञाें की सलाह लेकर योजना बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि योजनाबद्ध तरीके से कार्य हो सके। इस जटिल चुनौती का सामना करने के लिए निगम ने विशेषज्ञता वाली एक परामर्श फार्म नियुक्त करने करने का निर्णय लिया है ताकि परामर्श फार्म की तकनीकी दक्षता का उपयोग बुनियादी सुविधाओं काे बेहतर बनाने में किया जा सके।

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि परामर्श फार्म के लिए जल्द ही टेंडर जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत दो सदस्यीय टीम होगी जो परियोजाओं की योजनाएं व उनकी देखरेख तथा विक्रेता व अनुबंध प्रबंधन का कार्य देखेंगे।