गाजियाबाद में 30 साल बाद मिले राजू केस में पुलिस कई सवालों में उलझ गई है। अब सच जानने पुलिस सीकर जाएगी। साहिबाबाद के सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि एक व्यक्ति ने सीकर में युवक के एक परिवार के साथ रहने की जानकारी दी थी। सीकर के थाना प्रभारी से पुलिस ने बात की है। पुलिस जांच के लिए सीकर भी जाएगी।
साहिबाबाद। राजू के राजस्थान के सीकर के एक गांव में परिवार का बेटा बनकर रहने के मामले में भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। साहिबाबाद पुलिस ने सीकर पुलिस से संपर्क किया है। जांच करने के लिए पुलिस सीकर भी जाएगी।
वहीं, तीन दिन पूछताछ के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। फिलहाल राजू साहिबाबाद थाने में पुलिस की निगरानी में है। उसके खाने-पीने की व्यवस्था पुलिस की ओर से की गई है।
पहले देहरादून के लोहिया नगर के कपिल देव शर्मा, फिर गाजियाबाद के शहीद नगर के तुलेराम का बेटा बनकर राजू उनके घर पहुंचा था। उसके बाद राजस्थान के सीकर के एक गांव में परिवार का बेटा बनकर राजू के वहां रहने की जानकारी साहिबाबाद पुलिस को मिली।
सीकर के परिवार ने भी किया राजू के वहां रहने का दावा
सीकर के एक व्यक्ति ने साहिबाबाद पुलिस को कॉल करके बताया कि गाजियाबाद में 30 साल बाद मिले राजू नाम के युवक का वीडियो ऑनलाइन एक चैनल पर चल रहा था। जो आदमी वीडियो में दिख रहा है, वह झूठा है। वह सीकर जिले के एक छोटे गांव में भी आया था और उसने यही बात बोली थी। थोड़े दिन बाद यहां से चला गया था।
ऐसे में पुलिस ने इस तथ्य की जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को पुलिस ने सीकर के थाना प्रभारी को फोन करके इस मामले में जानकारी की। सीकर पुलिस ने अभी इस मामले में कोई भी जानकारी होने से मना कर दिया है।
माता-पिता की राय एक-दूसरे से जुदा
पिता तुलेराम का कहना है कि देहरादून में रहने की जानकारी मिलने पर उन्हें अब राजू पर पूरा संदेह है। उन्हें डीएनए रिपोर्ट पर भी भरोसा नहीं है। डीएनए रिपोर्ट मिलान खाने के बाद भी वह राजू को अपने घर नहीं रखेंगे। वहीं, मां लीलावती का कहना है कि वह उनका ही बेटा है। डीएनए रिपोर्ट मिलान खाने के बाद वह उसे अपने घर रखेंगी।
युवक ने देहरादून में रहने के दौरान वहां की मंडी में आढ़ती के पास काम किया था। उसने आशा शर्मा के नाम से एक सिमकार्ड लिया था। मोबाइल में उसे चला रहा था। उसकी अंतिम लोकेशन पुलिस को इंदिरापुरम क्षेत्र की मिली है। पुलिस सीडीआर के आधार पर भी जांच करने में जुटी है।
नतीजे पर नहीं पहुंची पुलिस की जांच
पुलिस तीन दिन में कई बार राजू से पूछताछ कर चुकी है। पुलिस की जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। तुलेराम के परिवार को भी पुलिस द्वारा इस मामले में पर्दाफाश करने का इंतजार है।
सूत्रों की माने तो अभी तक पुलिस यह तय नहीं कर पा रही है कि युवक तुलेराम का बेटा है या नहीं। कुछ सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब मिलने पर पुलिस ने उसे तुलेराम का बेटा मान रही है। कुछ सवाल राजू को एक शातिर व झूठा साबित कर रहे हैं। जिससे पुलिस युवक के रहस्य से पर्दा उठाने को डीएनए रिपोर्ट पर निर्भर हो गई।
इन सवालों ने पुलिस को उलझाया
युवक पुराने फोटो में उन लोगों को भी पहचान रहा है जिनकी मौत हो गई?
वह फोटो में देखकर उन रिश्तेदारों के नाम भी बता रहा, जो उसने बचपन में ही देखे थे?
वह 30 वर्ष पुराने अपने और पड़ोस के मकानों के स्ट्रक्चर के बारे भी बता रहा है?
मां ने उसके बचपन के सीने के तिल को भी पहचान लिया ?
बचपन के फोटो से उसका फोटो कुछ हद तक मिलान भी खाता है?
- Log in to post comments