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Shilpa Shetty और उनके पति राज कुंद्रा के लिए एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। कुछ समय पहले कपल को अपने जुहू स्थित बंगले को खाली करने का आदेश दिया गया था। कपल ने हाई कोर्ट में दरवाजा खटखटाया था। अब कपल के पक्ष में हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जानिए क्या है पूरा मामला।

बी-टाउन के पावर कपल कहे जाने वाले शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा का नाम अक्सर किसी न किसी वजह के चलते छाया रहता है। राज कुंद्रा की गिरफ्तारी से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के केस तक, पिछले कुछ साल से शिल्पा की पर्सनल लाइफ उथल-पुथल से भरी रही है। हाल ही में, उन्हें हाई कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है।

हुआ यूं कि बीते दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को एक एविक्शन नोटिस जारी किया गया था, जिसके मुताबिक उन्हें 10 दिन के अंदर अपना जुहू वाला घर खाली करना था। ईडी के आदेश के खिलाफ कपल ने बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि यह मनमाना, गैर-कानूनी और अनुचित है जिस पर आज यानी 10 अक्टूबर को सुनवाई हुई।

शिल्पा-राज को मिली राहत 

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने बुधवार को ईडी से पूछा था कि कुर्की आदेश पारित होने के बाद बेदखली नोटिस जारी करने की क्या जल्दी थी, जबकि कपल के पास आदेश के खिलाफ अपील करने का कानूनी उपाय मौजूद है।

गुरुवार को, ईडी ने अदालत को बताया कि बेदखली नोटिस पर तब तक कार्रवाई नहीं की जाएगी जब तक कि याचिकाकर्ता कुर्की आदेश के खिलाफ अपनी अपील दायर नहीं करता है और ट्रिब्यूनल द्वारा उस पर फैसला नहीं किया जाता है। पीठ ने बयान को स्वीकार कर लिया और कहा कि न्यायाधिकरण द्वारा प्रतिकूल आदेश दिए जाने की स्थिति में नोटिस दो सप्ताह की अवधि तक प्रभावी नहीं होंगे।

क्या है मामला?

साल 2018 में ईडी ने अमित भारद्वाज समेत अन्य के खिलाफ बिटकॉइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा का नाम भी सामने आया। भले ही दोनों आरोपी साबित नहीं हुए, लेकिन मामले में उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है। इसी साल अप्रैल में ईडी ने कपल की 98 करोड़ की प्रॉपर्टी को अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश दिया था जिसमें पुणे स्थित उनका फार्म हाउस और मुंबई के जुहू स्थित उनका घर भी शामिल था। 

कपल का कहना है कि उन्हें 3 अक्टूबर को एक नोटिस मिला, जो 27 सितंबर को जारी किया गया था। इसके मुताबिक, उन्हें अपने घर को खाली करना था। ऐसे में कपल ने याचिका दायर करते हुए कहा है कि बिना अपराध साबित के कोई एविक्शन नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके घर से अनुसूचित अपराध या अपराध की किसी आय से कोई संबंध नहीं है और ना ही उनके पति का मनी लॉन्ड्रिंग केस से कोई लेना-देना है। 

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