सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेप-4 के प्रतिबंधों को 2 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने कहा कि ग्रेप-4 को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाए। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और इस कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतें आ रही है।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल ग्रेप 4 के प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के इलाके में 2 दिसंबर तक ग्रेप 4 के प्रतिबंध लागू रहने का फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रेप-4 को लागू करने के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाई जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को छोड़कर शेष सभी स्थानों पर ग्रेप-4 के उपाय सोमवार (2 दिसंबर) तक जारी रहेंगे। कोर्ट ने इस बीच CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को एक बैठक आयोजित करने और GRAP IV से GRAP III या GRAP II में जाने के बारे में सुझाव देने को कहा गया है।
हम कोर्ट कमिश्नरों की नियुक्ति को जारी रखते हैं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट से पता चलता है कि संबंधित अधिकारी ग्रेप चार के प्रतिबंधों को सही तरीके से लागू करने में विफल रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हम कोर्ट कमिश्नरों की नियुक्ति को जारी रखते हैं। इनके इस सुझाव को स्वीकार करते हैं कि दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग इनके काम को आसान बनाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
18 नवंबर से दिल्ली-NCR में ग्रेप 4 के प्रतिबंध लागू
बता दें कि 18 नवंबर से सुबह आठ बजे से ग्रेप चार की पाबंदियां लगी हुई हैं। इसके तहत दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा है। एनसीआर में सड़क, फ्लाईओवर सहित विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण कार्य पर भी रोक लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल के खोले जाने को इससे अलग रखा है। वहीं कोर्ट ने सोमवार को सीएक्यूएम से स्कूलों को खोले जाने पर विचार करने को कहा था।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में
बता दें, दिल्ली में गुरुवार सुबह प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखी गई थी और हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 313 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को सुबह 9 बजे यह 301 था। राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई रही।
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