Himachal Disaster: शिमला में कई जगहों पर भूस्खलन के बाद बचाव कार्य जारी, मलबे से बरामद किए गए 20 शव
हिमाचल प्रदेश इन दिनों प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। शिमला में कई जगहों पर हुए भूस्खलन के बाद बचाव और बहाली का काम जारी है। जिला प्रशासन ने सड़क बहाली शुरू करने के लिए आपातकालीन बैठक की है। तलाशी अभियान में अभी तक 33 में से 20 शव बरामद कर लिए हैं। वहीं स्थानीय लोगों ने भूस्खलन के लिए स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद बुधवार को शिमला में कई जगह भूस्खलन के बाद बचाव और बहाली के प्रयास जारी हैं। जिला प्रशासन के अनुसार मलबे से कम से कम 20 शव बरामद किए गए हैं। शिमला जिला प्रशासन ने स्थिति से निपटने और सड़क बहाली शुरू करने के लिए बुधवार को एक आपातकालीन बैठक की।
तलाशी में 20 शव बरामद हुए हैं- उपायुक्त
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि परिवहन व्यवस्था और सड़क बहाली पर चर्चा करने के लिए सभी संबंधित विभागों को एक साथ बुलाया गया। अधीक्षण अभियंता (पीडब्ल्यूडी) ने एक बहाली योजना प्रदान की है और भूविज्ञानी स्थिति का आकलन करेंगे।
इन सड़कों की बहाली के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि जहां तक समेज इलाकों में रामपुर के बाढ़ का सवाल है तलाशी अभियान में अभी तक 33 में से 20 शव बरामद कर लिए हैं बाकि शवों को बरामद करने के लिए तलाश जारी रहेगी। बरामद शव सतलुज नदी में तैरते हुए पाए गए।
चौड़ा मैदान और एमएलए क्रॉसिंग को सबसे ज्यादा नुकसान
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि समेज और तकलेच इलाकों में पहले भी काफी नुकसान हुआ है जिसके बहाली के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने कहा कि शिमला में कई भूस्खलनों ने बोइलौगंज, चौड़ा मैदान और एमएलए क्रॉसिंग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। चौड़ा मैदान, बोइलौगंज और एमएलए क्रॉसिंग को जोड़ने वाली सड़क को काफी नुकसान पहुंचा है।
शिमला के एसपी ने कही ये बात
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि पिछले दो दिनों में राजधानी शहर में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन के कारण बोइलौगंज को जोड़ने वाली सड़क अब चलने लायक नहीं है। हमने बोइलौगंज चौराहा से यातायात को कोर्ट रोड से मोड़ दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि शिमला के डिप्टी कमिश्नर ने शहर में भूवैज्ञानिक पहलुओं, तैयारियों और बहाली के प्रयासों को संबोधित करने के लिए एक बैठक बुलाई है। एसपी ने कहा कि संबंधित विभाग मरम्मत के लिए गुणवत्तापूर्ण इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यातायात प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
लोगों ने भूस्खलन के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया
स्थानीय निवासियों ने क्षतिग्रस्त सड़कों पर चिंता व्यक्त की और भूस्खलन के लिए स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। निवासियों को संभावित जल और सीवेज आपूर्ति समस्याओं की भी चिंता है क्योंकि इससे बुनियादी ढांचे पर असर पड़ रहा है।
निवासी करमवीर ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कें बड़ी समस्याएं पैदा कर रही हैं। हमारा मानना है कि भूस्खलन अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है। इन मुद्दों को देखना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। करमवीर ने कहा कि अगर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो निवासियों के लिए गंभीर परिणाम होंगे।
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