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Uttarakhand: जगमगाने के पहले ही 'ज्योति' संग बुझ गया परिवार का 'दीपक', मातम में बदलीं खुशियां; घर लौटे चार शव

Accident in Rudrapur प्रसव पीड़ा होने पर एक साथ सब लोग ज्योति को लेकर अस्पताल भागे लेकिन दुर्घटना में ज्योति के साथ ही साहनी परिवार का दीपक भी बुझ गया। महिंद्रा की एक्सयूपी 300 बरेली नंबर की गाड़ी ने ई-रिक्शा को पीछे से टक्कर मारी। दुर्घटना के बाद जब उसे जिला अस्पताल लाया गया तो ज्योति के साथ ही उसके पेट मे पल रहा बच्चा भी दम तोड़ चुका था।

 रुद्रपुर:- साहनी परिवार नए मेहमान के स्वागत में तैयारियों में जुटा था। एक वर्ष पहले विवाह के बंधन में बंधी ज्योति अब मां बनने वाली थी। परिवार खुशियों में खुशियों में डूबा था।

ज्योति, उसके पति विरेंद्र, दादी कांति समेत पूरा परिवार तरह-तरह के जतन कर रहा था। प्रसव पीड़ा होने पर एक साथ सब लोग उसे लेकर अस्पताल भागे, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। दुर्घटना में ज्योति के साथ ही साहनी परिवार का दीपक भी बुझ गया। इसके साथ ही हादसे में कुल चार लोगों की मौत हुई।

भूरारानी के सरस्वती विहार निवासी विरेंद्र साहनी पुत्र दिनेश साहनी चार भाई और दो बहन हैं। वह सिडकुल की एक कंपनी में काम करता है। 14 मई 2023 को बिहार निवासी ज्योति के साथ विवाह हुआ। विवाह के बाद से माता-पिता बनने का पहली बार उन्हें सौभाग्य मिला और घर के लोग भी नवजात के आगमन को लेकर प्रसन्न थे। स्वजन के अनुसार ज्योति करीब नौ माह की गर्भवती थी।

इमरजेंसी में चिकित्सकों ने देखा

मंगलवार की रात लेबर पेन होने पर स्वजन उसे जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय ले गए, जहां इमरजेंसी में चिकित्सकों ने उसे देखा और पेट दर्द होने की बात कहते हुए दवा दी।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि महिला को प्रसव पीड़ा नहीं थी। दवा देकर उसे बैठने के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ ही समय के बाद वह तबीयत में सुधार होने की बात कहते हुए घर जाने की बात कही। ऐसे में यदि ज्योति चिकित्सकों की बात मानती और स्वास्थ्य में आराम मिलने तक अस्पताल में रुकती और 108 से घर जाने के लिए चिकित्सक को बोलती तो दुर्घटना शायद नहीं होती।

ज्योति ने खुद के साथ ई-रिक्शा होने बात कहते हुए जाना चाहा। जिस पर चिकित्सकों ने उनसे रजिस्टर में अपनी इच्छा से जाने की बात भी लिखवाई। इधर दुर्घटना के बाद जब उसे जिला अस्पताल लाया गया तो ज्योति के साथ ही उसके पेट मे पल रहा बच्चा भी दम तोड़ चुका था।

कार चालक से पूछताछ

घटना के बाद कार चालक को भी सिर पर चोटें आई हैं। जिसका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक एक अन्य साथी से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोपित चालक नशे में थे या नहीं इस बारे मे जांच की जाएगी।

जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक

घटना की जानकारी लगते ही संजय ठुकराल, सुशील गाबा, सीपी शर्मा, अनिल चौहान, नेत्रपाल मौर्य, मोहन खेड़ा, निवर्तमान मेयर रामपाल सहित अन्य लोगों ने परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया।

वहीं विधायक शिव अरोरा ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है। वर्तमान में विधायक गैरसैंड़ में विधानसभा में हैं। जानकारी लगने पर उन्होंने अस्पताल व प्रशासन के उच्चाधिकारी से वार्ता की। कहा कि घटना विचलित करने वाली है। वह भाजपा नेता प्रमोद साहनी के साथ दुःख की घड़ी में खड़े हैं।

एसएसपी ने बंधाया ढांढस

घटना के बाद मौके पर एसएसपी मंजूनाथ टीसी, एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोड़के, एसपी सिटी मनोज कत्याल पहुंचे और जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि जो भी संभव मदद होगी की जाएगी।

स्वास्थ्य सेवा को लेकर लोगों में दिखा रोष

घटना के बाद लोगों में स्वास्थ्य सेवा को लेकर काफी नाराजगी दिखी। बताया जा रहा है कि महिला को अस्पताल ले जाने के लिए 10 से अधिक बार 108 पर फोन किया गया, लेकिन प्रतयुत्तर न मिलने पर मजबूरन ई-रिक्शा से जाना पड़ा। जिसके चलते लोगों में भारी रोष व्याप्त था।

बारिश में पीएम हाउस पहुंचे सैकड़ों लोग

भूरारानी और सुभाष कालोनी के लोगों संग हुई हृदयविदारक घटना को सुनकर हर कोई जानने वाला पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया। महिला, पुरुष, बुजुर्ग, युवा सहित सैकड़ों लोगों ने अपने जानने वालों का ढांढस बंधाया।

हर आंख हुईं नम

घटना की खबर लगते ही आस पड़ोस के लोग पोस्टमार्टम हाउस, जिला अस्पताल और घटना स्थल पर पहुंचे। एक ही परिवार के लोगों की मृत्यु और गर्भवती महिला की बात का सुनकर हर आंख वहां नम दिखी।

ई-रिक्शा और कार दोनों के उड़े परखच्चे

सड़क दुर्घटना भोर में करीब तीन बजे की है। इसकी वजह क्या रही, इस बारे में पुलिस जांच करेगी। बताया जा रहा है कि महिंद्रा की एक्सयूपी 300 बरेली नंबर की गाड़ी ने ई-रिक्शा को पीछे से टक्कर मारी। ई-रिक्शा के परखचे उड़ गए। एक-एक पार्ट अलग हो गए, जबकि कार भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।

टुकटुक संचालन को लेकर नहीं कोई नियम

जिला मुख्यालय में करीब पांच हजार से अधिक टुकटुक का संचालन होता है। ऐसे में नियमानुसार ई-रिक्शा का संचालन हाइवे पर प्रतिबंधित है, ऐसे में इस पर भी गौर करने की आवश्यकता है। जिससे इस प्रकार की बड़ी दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

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