झारखंड के 97 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर नहीं है जिनकी कमी को प्राथमिक शिक्षकों को ग्रेड चार से ग्रेड सात में प्रोन्नति देकर भरा जाना था। अब सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम आदेश आने तक प्रोन्नति के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही मिडिल स्कूल के हेड मास्टरों के खाली पद भरे जा सकेंगे।
रांची। राज्य के मिडिल स्कूलों को अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही प्रधानाध्यापक मिल पाएंगे। लगभग 97 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है। प्राथमिक शिक्षकों को ग्रेड चार से ग्रेड सात में प्रोन्नति देकर ये पद भरे जाने हैं, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने 9 दिसंबर को एक एसएलपी के मामले की सुनवाई के बाद अंतिम आदेश आने तक प्रोन्नति के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
- प्राथमिक शिक्षकों को ग्रेड चार से सात में प्रोन्नति देने का मामला कई वर्षों से लंबित है। इससे जुड़े कई मामले कोर्ट में गए हैं।
- प्रोन्नति नियमावलीस 1993 के कुछ प्रावधानों में विवाद होने के कारण यह स्थिति बनी है।
- इसका खामियाजा मिडिल स्कूलों को उठाना पड़ा है, जहां प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हो गए।
- स्थिति यह हो गई कि अब लगभग तीन प्रतिशत मिडिल स्कूलों में ही स्थायी प्रधानाध्यापक हैं।
दूसरी तरफ, प्रोन्नति नहीं होने से पद भर नहीं सके। सर्वोच्च न्यायालय ने 9 दिसंबर को एक एसएलपी के मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही प्रोन्नति के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
सरकार बनाए नई नियमावली
- इसमें झारखंड उच्च न्यायालय के एक आदेश के विरुद्ध सुधीर कुमार दुबे एवं अन्य की ओर से शीर्ष न्यायालय में एसएलपी दाखिल की गई थी।
- उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति नहीं दी जा सकती।
- साथ ही ग्रेड चार में सीधी नियुक्ति तथा प्रोन्नति से ग्रेड चार में पहुंचे शिक्षकों में कौन वरीय होंगे, इसे सरकार नई नियमावली बनाकर तय करे।
उच्च न्यायालय में सरकार ने दी यथास्थिति बनाए रखने की जानकारी
हाल ही में अवमाननावाद के एक मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट में जवाब दाखिल किया है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रोन्नति के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश का हवाला दिया गया है।
सरकार ने कहा है कि जबतक शीर्ष न्यायालय का अंतिम आदेश नहीं आ जाता है, तबतक प्राथमिक शिक्षकों को ग्रेड चार से सात में प्रोन्नति नहीं दी जा सकती। इस मामले में अगली सुनवाई अगले वर्ष 7 फरवरी को होगी।
ग्रेड चार में प्रोन्नति देने पर नहीं है कोई विवाद
प्राथमिक शिक्षकों को ग्रेड एक से चार में प्रोन्नति देने पर कोई विवाद नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय का इसपर रोक भी नहीं है। इधर, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि योग्य शिक्षकों को कम से कम ग्रेड चार में प्रोन्नति मिलनी चाहिए।
कई जिलों में यह प्रोन्नति लंबित है। संघ ने 15 दिनों में प्रोन्नति नहीं दिए जाने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
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