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राज्य के प्रत्येक प्रखंड में एक सरकारी विद्यालय को मॉडल बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत जिला स्तर पर एक-एक मॉडल विद्यालय से होगी फिर अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर भी। इसका उद्देश्य है कि अन्य विद्यालय मॉडल विद्यालयों से सीखें और खुद को मॉडल विद्यालय के रूप में तैयार करें। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि नवाचारी शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

पटना। राज्य के प्रत्येक प्रखंड में एक सरकारी विद्यालय को मॉडल बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत पहले जिला स्तर पर एक-एक मॉडल विद्यालय बनाकर की की जा रही है। फिर प्रत्येक अनुमंडल में एक-एक सरकारी विद्यालय को मॉडल बनाया जाएगा।

इसके बाद प्रत्येक प्रखंड में एक विद्यालय को मॉडल के रूप में तैयार किया जाएगा।इसका उद्देश्य यह है कि जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर तैयार एक-एक मॉडल विद्यालय से अन्य विद्यालय सीख सकें और खुद को मॉडल विद्यालय के रूप में तैयार कर सकें।

शनिवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने लाइव कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य के जिन सरकारी विद्यालयों में नवाचार के माध्यम से बच्चों को शिक्षक पढ़ा रहे हैं, उन्हें सरकार प्राेत्साहित कर रही है।

उन्होंने कहा कि जो शिक्षक वर्ग कक्ष में नवाचार का प्रयोग कर रहे है, उनके नवाचार का वीडियो बनाकर शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाएगा। इसकी शुरूआत विभाग के स्तर से कर दी गई है। इसे देखकर दूसरे शिक्षक भी सीख सकते हैं और बच्चों को पढ़ाने में नवाचार का प्रयोग कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों का एकमात्र कार्य बच्चों को बेहतर शिक्षा देना और अच्छा नागरिक बनाना है। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक जो भी नवाचार करेंगे, उससे शिक्षकों को भी फायदा होगा। उनकी प्रशंसा होना लाजिमी है।

पदस्थापन में छात्र:शिक्षक अनुपात को प्राथमिकता

  • अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में ऐसे भी विद्यालय हैं जहां वर्ग कक्ष छह है और शिक्षकों की संख्या 18 है। ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करने और उसमें छात्र: शिक्षक अनुपात तथा विषयवार शिक्षकों की संख्या की रिपोर्ट सभी जिलों से ली गई है।
  • शिक्षकों के स्थानातंरण और पदस्थापन में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि शिक्षा का अधिकार कानून के आलोक में छात्र:शिक्षक अनुपात के साथ-साथ विषयवार शिक्षकों की संख्या का सही अनुपालन हो।
  • यह जिम्मेदारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्थापना समिति को दी गई है कि वह अपने स्तर से जिले के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करे।

शिक्षकों का वेतन बंद

करपी (अरवल) प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों तथा शिक्षकों का वेतन स्थगित किया गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के द्वारा जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि दो दिनों के अंदर अपार आइडी कार्ड जनरेट करें। क्योंकि अरवल जिला की स्थिति पूरे बिहार में काफी खराब है।

जारी पत्र में कहा गया है कि इसके पूर्व भी सभी प्रधानाध्यापकों को इस संबंध में प्रशिक्षण दिया गया था तथा कहा गया था की अपार आईडी कार्ड तेजी के साथ जनरेट करवाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। दो दिनों के अंदर अपार आइडी कार्ड जेनरेट करने का निर्देश जारी किया गया है तथा कहा गया है कि तब तक वेतन स्थगित रहेगा।

शिक्षा विभाग का इस संबंध में फरमान जारी होते ही सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक समेत शिक्षक युद्ध स्तर पर अपार आइडी कार्ड जनरेट करने में लग गए हैं।

उधर, शिक्षकों ने बताया कि छात्रों के आईडी जेनरेट करने विभिन्न प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है। क्योंकि डाइस पर किसी छात्र के नाम में स्पेलिंग गलत तो किसी का आधार नंबर गलत होने के कारण आपार आइडी जेनरेट करने में समस्या उत्पन्न हो रही है।

बताते चलें कि पूरे बिहार में सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों का अपार आउडी जेनरेट करना है। ताकि वास्तविक छात्रों की संख्या विभाग को रहे।

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