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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण के गठन पर सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल से हरियाणा के कर्मचारियों के लंबित सेवा मामलों और निपटाए गए मामलों की जानकारी मांगी है। हरियाणा सरकार का दावा है कि न्यायाधिकरण से सेवा मामलों के निपटान में तेजी आएगी और हाईकोर्ट का बोझ कम होगा। हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण की स्थापना से संबंधित एक संज्ञान पर सुनवाई करते हुए यह विवरण मांगा है।

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण के गठन के बारे में मुख्य याचिका पर 13 दिसम्बर को सुनवाई करेगा। इस मामले में खंडपीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से हाईकोर्ट में लंबित हरियाणा के कर्मचारियों के कुल सेवा मामलों की संख्या तथा वर्ष 2022 से हरियाणा से संबंधित ऐसे मामलों के निपटारे की संख्या के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी हुई है।

हाईकोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार जनरल से हरियाणा राज्य से संबंधित कर्मचारियों के सेवा मामलों की सुनवाई करने वाली पीठों की संख्या का विवरण भी मांगा है। हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने हरियाणा के कर्मचारियों से संबंधित सेवा मामलों के निर्णय के लिए हरियाणा में हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण की स्थापना से संबंधित एक संज्ञान पर सुनवाई करते हुए यह विवरण मांगा है।

हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण काम क्यों नहीं कर सकता?

तत्कालीन मुख्य सचिव हरियाणा द्वारा हस्ताक्षरित 28 जून, 2022 की रिपोर्ट ने हाईकोर्ट को सूचित किया है कि पंजाब और हरियाणा की राज्य बार काउंसिल और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधि यह बताने में विफल रहे हैं कि जब सभी ट्रिब्यूनल और आयोग पहले से ही ट्राइसिटी में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं, तो हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण काम क्यों नहीं कर सकता है।

रिपोर्ट में हाईकोर्ट को यह भी बताया गया है कि हरियाणा सरकार ने 16 नवंबर, 2021 की अधिसूचना के तहत पहले ही पंचकूला में हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण की मुख्य पीठ की स्थापना कर दी है, जिसमें दो अदालतें हैं।

हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों के बोझ को भी कम करेगा

हरियाणा की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण न केवल सेवा मामलों के निपटान की प्रक्रिया में तेजी लाएगा, बल्कि हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों के बोझ को भी कम करेगा।

महत्वपूर्ण बात यह है कि केंद्र सरकार ने प्रशासनिक न्यायाधिकरण अधिनियम, 1985 की धारा 4(2) के तहत 24 जुलाई, 2019 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों से संबंधित सेवा मामलों के लिए हरियाणा प्रशासनिक न्यायाधिकरण का गठन किया गया था।

इसके साथ ही राज्य सरकार के कर्मचारियों के 10000 से अधिक सेवा-संबंधी मामलों को निर्णय के लिए तुरंत हाईकोर्ट से न्यायाधिकरण में स्थानांतरित किया जाना था।

इससे एक अभूतपूर्व स्थिति पैदा हो गई जहां पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट बार के सदस्य अधिसूचना जारी करने का विरोध करते हुए हड़ताल पर चले गए और जुलाई-अगस्त 2019 में तीन सप्ताह से अधिक समय तक कामकाज ठप रहा।

हालांकि, 2 अगस्त, 2019 को हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ ने न्यायाधिकरण की स्थापना के संबंध में केंद्र सरकार की अधिसूचना के कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया था।