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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां गैर भाजपा सरकारें हैं वहां पर ऐसी सरकारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में आपदा के बाद राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन अभी तक नहीं मिले हैं।

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि केंद्र सरकार हिमाचल सरकार के साथ भेदभाव कर रही है। जहां-जहां पर गैर भाजपा सरकारें हैं, वहां पर ऐसी सरकारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है

दिल्ली दौरे से लौटने के बाद शनिवार को देर सांय उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में जब आपदा आई, तो राज्य सरकार ने नियमों के मुताबिक आपदा के उपरांत सहायता के प्रविधान को देखते हुए 10 हजार करोड़ रुपये मांगे थे।

इसके अतिरिक्त काफी समय से एनपीए का नौ हजार करोड़ रुपये भी मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये प्रदेश सरकार का हक है, जो हिमाचल को नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 दिसंबर को जैसलमेर में पूरे देश के वित्त मंत्रियों की एक बैठक होने वाली है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री होने के तौर पर मैं भी इसमें शामिल होकर प्रदेश के हितों की पैरवी करूंगा और हिमाचल के अधिकार लेकर रहेंगे।

दो साल व्यवस्था परिवर्तन के रहे

11 दिसंबर को हिमाचल में कांग्रेस सरकार दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहा है। ये कोई जश्न नहीं है, बल्कि एक कार्यक्रम है। उनका कहना है कि जश्न शब्द का इस्तेमाल तो सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि बीते दो साल का समय प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का वक्त रहा।

सरकार ने हर क्षेत्र में बदलाव करने का काम किया है और विपक्ष अपनी रचनात्मक भूमिका निभाने में असफल रहा। आने वाले समय में भी वे हिमाचल प्रदेश के हितों में का हित के लिए काम करते रहेंगे। साल 2027 तक हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा और साल 2032 तक हिमाचल को देशभर का नंबर वन राज्य बनाएंगे।

बस में राहुल गांधी की डिबेट पर नोटिस का मामला

परिवहन निगम की बस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य नेताओं की डिबेट सुनने के मामले पर मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना था कि वे नहीं जानते कि इस तरह की बातें क्यों सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने पूर्व में कांग्रेस नेता रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम के उसे बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, जिसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश में आपातकाल जैसे हालात हैं।

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