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Cloud Burst in Ramban: बादल फटने से आई बाढ़ में लापता दो लोगों के शव बरामद, 5 अन्य की तलाश जारी

रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में बादल फटने से भारी तबाही मची हुई है। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में सात लोग बह गए। तलाशी अभियान में लापता सात लोगों में से दो के शव बरामद कर लिया गया। बता दें कि बादल फटने से टांगर और दाड़ी नदियों में अचानक से बाढ़ आ गई थी। लगातार बारिश होने से बचावकार्य में भी परेशानी हो रही है।

 उधमपुर। रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में बादल फटने के बाद आई बाढ़ में लापता सात लोगों में दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, लेकिन अब भी पांच लोग लापता है।

मंगलवार को भी दिनभर तलाशी अभियान चलाया गया मगर कोई सफलता नहीं मिली। जिला रामबन प्रशासन का कहना है कि प्रभावित परिवारों की हर संभव सहायता की जा रही है। बुधवार को भी बचाव अभियान जारी रहेगा।

बाढ़ में बह गए थे सात लोग

बाढ़ की चपेट में आने से गडग्राम और सोंसुआ में दो सरकारी स्कूलों और कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि मार्ग किनारे खड़ी तीन निजी गाड़ियां बाढ़ में बह गई है। बरामद दोनों शवों की पहचान गडग्राम के यासिर अहमद (20) और सुली-कुमाते के खालिद अहमद परिहार (12) के रूप में हुई है।

बता दें कि सोमवार दोपहर को तेज बारिश होने पर राजगढ़ तहसील की कुमाते, धरमण और हल्ला पंचायत में बादल फटने से टांगर और दाड़ी नदियों में अचानक से बाढ़ आ गई थी। बाढ़ की चपेट में कई घर आ गए थे और सात लोग बाढ़ में बह गए थे।

घटना के शुरुआत में जानकारी मिली थी कि कुल तीन लोग बह गए हैं, लेकिन जब मंगलवार को बचाव अभियान शुरू किया गया तो लोगों से जानकारी मिली की चार और लोग बह गए हैं।

दो के शव बरामद, पांच अभी भी लापता

मंगलवार को मौसम में सुधार होने के बाद राहत व बचाव अभियान तेज कर दिया गया और शाम तक अभियान चलता रहा, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। राजगढ़ के तहसीलदार मेजर सिंह ने बताया कि अचानक आई बाढ़ में तीन अलग-अलग परिवारों के सात लोगों के लापता होने की सूचना है। कई चुनौतियों का सामना करने के बाद बचाव दल अब तक दो लोगों के शव तलाश करने में कामयाब रहा है।

उन्होंने कहा कि शेष पांच लापता लोगों अहमद की मां नसीमा बेगम (42) और बहन शाजिया बानो (6), परिहार की मां गुलशन बेगम (42) और बहन सीरत बानो (8) और छह वर्षीय काजिया बानो का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। बचाव दल में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों के कर्मी शामिल हैं।

बारिश से बचावकार्य में हो रही है मुश्किल

तहसीलदार मेजर सिंह ने कहा कि लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान धीमा हो गया है, क्योंकि नाले उफान पर हैं। उन्होंने बताया कि बचावकर्मियों को प्रभावित गांवों तक पैदल पहुंचने में लगभग तीन घंटे लग गए हैं।

गडग्राम और सोंसुआ में कम से कम दो सरकारी स्कूलों और कुछ घरों को भी नुकसान हुआ, जबकि मार्ग किनारे पर खड़ी तीन निजी गाड़ियां बाढ़ में बह गई है।

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