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महागठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा अगली बैठकों में होगी। समन्वय समिति की बैठक में चुनावी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। सभी दल अपनी पसंदीदा सीटों की सूची तेजस्वी यादव को सौंपेंगे। साझा आंदोलन और जन-समस्याओं के समाधान पर सहमति बनी। महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जनता के बीच आंदोलन होगा।

पटना। महागठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा आगे होने वाली बैठकों में ही होगी। बहुत संभव है कि समन्वय समिति की अगली बैठक से बातचीत की प्रक्रिया शुरू हो। ऐसा घटक दलों का मानना है। हालांकि, राजद सूत्रों का कहना है कि कोई जल्दबाजी नहीं है। अभी समन्वय और सहयोग पर फोकस है, ताकि चुनावी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा सके।

गुरुवार को हुई बैठक में साझा आयोजन-आंदोलन पर सहमति बन गई है। इसके लिए तिथियोंं का निर्धारण यथाशीघ्र होगा। नौ जुलाई को प्रस्तावित ट्रेड यूनियन की हड़ताल में सभी घटक दलों की सक्रिय सहभागिता रहेगी। इस बीच वे अपनी पसंदीदा सीटों की सूची तेजस्वी यादव को सौंप देंगे। राजद द्वारा दावों की वस्तुस्थिति का आकलन करने के बाद ही सीट समझौते पर बातचीत की शुरुआत होगी।

तेजस्वी की अध्यक्षता में महागठबंधन की यह चौथी बैठक थी, जो उनके सरकारी आवास पर हुई। समन्वय समिति के साथ उसकी पांचों उप-समितियों की पहली बैठक रही। तय हुआ कि प्रदेश की तरह ही प्रखंड स्तर तक समन्वय बढ़ाया जाए। उप-समितियां नियमित रूप से बैठक कर अपने कार्य-क्षेत्र से संबंधित जन-समस्याओं का समाधान सुझाएं।

सार्वजनिक स्थलों पर महागठबंधन के मुद्दों को यूं ही छेड़ दिया जाए, ताकि जनमत तैयार होता रहे। महत्वपूर्ण यह कि किसी भी दल की घोषणा महागठबंधन की घोषणा होगी। उल्लेखनीय है कि महिलाओं को नकदी लाभ दिए जाने के वादे पर कांग्रेस और राजद के बीच अंदरखाने श्रेय की होड़ थी। इस व्यवस्था से अब आशंकाओं पर विराम लग जाएगा।

बैठक के बाद राजद के अब्दुल बारी सिद्दिकी ने बताया कि महंगाई, बेरोजगारी, पलायन, अपराध आदि मुद्दे पर महागठबंधन पहले भी मुखर रहा है। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर जनता के बीच साझा आंदोलन होगा। सीट शेयरिंग के प्रश्न को वे यह कहकर टाल गए कि जब चर्चा होगी तो सभी को पता चल जाएगा।

राजद के प्रधान प्रवक्ता प्रो. मनोज झा ने कहा कि मात्र दावेदारी से सीटों की संख्या तय नहीं हो जाती। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी गोलमोल उत्तर देते हुए निकल गए। माले की विधान पार्षद शशि यादव का पूरा जोर जन-हित के मुद्दों पर साझा कार्यक्रमों पर था।

अलबत्ता माकपा विधायक अजय कुमार ने बताया कि अभी तेजस्वी को सीटों की सूची सौंपी जानी है। समझौते का फॉर्मूला पिछली बार से थोड़ा-बहुत ही आगे-पीछे होगा।

महागठबंधन में नए सहयोगी की संभावना पर उन्होंने कहा कि वैसी स्थिति में राजद को अपने हिस्से से ही साझेदारी करनी होगी। मुख्यमंत्री के चेहरे पर उन्होंने कहा कि सर्वविदित है। महागठबंधन का नेतृत्व तो तेजस्वी ही कर रहे हैं!

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