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शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को मानवघाती हमले की धमकी मिलने के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस ने बम निरोधक दस्ते के साथ तलाशी अभियान चलाया और परिसर को खाली करा लिया। चार घंटे की तलाशी के बाद कोई विस्फोटक नहीं मिला और खतरे को झूठा पाया गया। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में इंप्रोवाइज्ड विस्फोटक् डिवाइस के साथ मानवघाती हमलावरों की संभावित उपस्थिति के बारे में धमकी मिली थी। इस धमकी के बाद संभावित खतरे को देखते हुए पुलिस की टीम ने बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड के साथ हाईकोर्ट में हमलावरों को तलाश किया। इस दौरान खतरे की प्रकृति को देखते हुए शिमला पुलिस ने तत्काल और उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रतिक्रिया की।

अलर्ट मिलने पर डीआईजी दक्षिणी रेंज अंजुम आरा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बम निरोधक दस्ते, त्वरित प्रतिक्रिया दल क्यूआरटी, डॉग स्क्वायड और विशेष अभियान कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। सार्वजनिक सुरक्षा के हित में न्यायालय कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और उपस्थित नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए पूरे उच्च न्यायालय परिसर को तुरंत खाली करा लिया गया।

कोर्ट की वेकेशन चली होने के कारण हाईकोर्ट में कर्मचारियों को छोड़ अन्य की उपस्थिति न के बराबर थी। उच्च न्यायालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक सफाई और तलाशी अभियान चलाया गया। सभी कमरों, गलियारों और प्रवेश, निकास बिंदुओं की किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु के लिए व्यवस्थित रूप से

चार घंटे तक चले गहन तलाशी अभियान के बाद कोई विस्फोटक उपकरण या खतरा नहीं मिला और अलर्ट को गलत अलार्म माना गया। स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और चरणबद्ध और सुरक्षित तरीके से उच्च न्यायालय के सामान्य कामकाज को बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। शिमला पुलिस जनता से शांत लेकिन सतर्क रहने का आग्रह करती है। किसी भी संदिग्ध व्यवहार, वस्तु या गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

हिमाचल हाईकोर्ट को पहले भी बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। करीब एक महीने पहले भी यहां हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। इस दौरान भी संभावित खतरे को देखते हुए यहां तलाशी की गई थी। वहीं दूसरी ओर राज्य सचिवालय व मंडी जिला उपायुक्त कार्यालय को भी बम से उड़ाने की धमकियां मिल चुकी है।