
अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को सजा मिलने के बावजूद उस वीआईपी का रहस्य अभी तक नहीं सुलझा है जिसके रिसॉर्ट में आने की चर्चा थी। अंकिता पर वीआईपी को अतिरिक्त सेवाएं देने का दबाव था जिसके कारण विवाद हुआ। एसआईटी जांच और प्रदर्शनों के बावजूद वीआईपी का राज़ अभी तक नहीं खुल पाया है जिससे लोगों में संदेह बना हुआ है।
देहरादून:- अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट ने भले ही पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है लेकिन उस वीआइपी का राज अब तक नहीं खुल पाया, जिसके 17 सितंबर की रात को रिसार्ट में आने की चर्चाएं थीं।
तब आरोप लगा था कि अंकित गुप्ता ने अंकिता भंडारी पर रिसार्ट में आने वाले वीआइपी को एक्सट्रा सर्विस देने का दबाव बनाया था। चर्चा थी कि इसके बदले उसने 10 हजार रुपये देने की पेशकश की थी। इसी के बाद उनमें झगड़ा हुआ।
एक्सट्रा सर्विस पर हुआ था विवाद
वनंतरा रिसार्ट के मालिक पुलकित आर्य ने 19 सितंबर 2022 की सुबह राजस्व निरीक्षक तल्ला, गंगा भोगपुर को अंकिता भंडारी की गुमशुदगी की सूचना दी थी। 22 सितंबर 2022 को इस मामले की विवेचना राजस्व पुलिस से नियमित पुलिस को स्थानांतरित की गई, जिसकी विवेचना एसएसआइ मनोहर सिंह रावत ने की।
विवेचना में हत्या, यौन शोषण, साक्ष्य मिटाने व आपराधिक षड़यंत्र का मुकदमा दर्ज किया गया। 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव बरामद होने के बाद शासन के आदेश पर एसआइटी गठित की गई और अग्रिम विवेचना निरीक्षक राजेंद्र खोलिया को दी गई।
चर्चा थी कि विवेचना में यह बात भी सामने आई कि 17 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी ने अपने दोस्त पुष्पदीप को चैट में बताया कि रिसार्ट में कोई वीआइपी गेस्ट आने वाला है जिसके लिए एक्सट्रा सर्विस का दबाव बनाया जा रहा है। इस बात पर अंकिता की अंकित गुप्ता के साथ कहासुनी भी हुई।
इसका जिक्र कोर्ट के ट्रायल में भी किया गया। पुलिस ने जब मुख्य दोषी पुलकित आर्य से सीसीटीवी की फुटेज मांगी तो उसने बताया कि 19 सितंबर 2022 को डीवीआर खराब थी और उसे रिपेयर करने के लिए दिया गया है। दोषियों ने षड़यंत्र रचकर दो दिन की रिकार्डिंग ही गायब कर दी, जिसके चलते वीआइपी का राज नहीं खुल पाया।
प्रदर्शन के बावजूद नहीं लगा वीआइपी का पता
वीआइपी का पता लगाने के लिए तमाम राजनीतिक दलों से लेकर गैर सामाजिक संस्थाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। मांग रखी कि किसी भी हालत में वीआइपी का राज खुलना चाहिए, लेकिन एसआइटी जांच में वीआइपी का राज नहीं खुल पाया। लोगों के दिलों-दिमाग में अब भी यह बात चल रही है कि आखिर वह वीआइपी कौन था, जिसे एक्सट्रा सर्विस दी जानी थी। तब लोगों में आम चर्चाएं थी कि रिसार्ट में इस तरह की अवांछित गतिविधियां होती हैं।
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