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उत्तराखंड में भारी बर्फबारी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सीमावर्ती इलाकों में हालात बेहद खराब हैं। थल-मुनस्यारी मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा जबकि तवाघाट-लिपुलेख सड़क खुली है। कई गांव बर्फबारी के कारण अलग-थलग पड़ गए हैं। बिजली आपूर्ति भी बाधित है। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। लोगों से उच्च हिमालयी मार्ग पर अनावश्यक आवाजाही न करने की अपील की जा रही है।
पिथौरागढ़/धारचूला/मुनस्यारी भारी हिमपात और वर्षा से सीमांत में स्थिति आपदा काल जैसी बनी है। भारी हिमपात से बंद थल-मुनस्यारी मार्ग पर कालामुनि से मुनस्यारी के मध्य बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है। मार्ग के आज खुलने के आसार नहीं हैं।
मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद होने से उच्च मध्य हिमालयी लगभग एक दर्जन गांव अलग-थलग पड़े हैं। हिमपात होने से 11 केवी विद्युत लाइन और एलटी लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हिमपात से पेड़ों की टहनियां टूटी हैं। धारचूला के कूलागाड़ के पास पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आने से मजदूर बाल-बाल बचे हैं। शनिवार अपराह्न तक उच्च हिमालय में हिमपात जारी रहा।
धारचूला में दोबाट और रांगुती के पास बंद टनकपुर-तवाघाट हाईवे खुल चुका है। तवाघाट-सोबला-दारमा मार्ग यातायात के लिए बंद है। लिपुलेख मार्ग बूंदी के पास तक खुला है। बूंदी से आगे भारी बर्फ होने से मार्ग बंद है।
नाचनी से मिली जानकारी के अनुसार तेजम और मुनस्यारी तहसील के होकरा, गोला, कोटा, खड़िक आदि स्थानों पर विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र अंधेरे में डूबे हैं। धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार कूलागाड़ के स्यांगठा नामक स्थान पेयजल लाइन टूटने से पानी हिलवेज कंपनी के कंटेनरों में जमा हो गया।
मजदूरों ने वर्षा के बीच रात खुले आसमान के नीचे व्यतीत की। इस स्थान पर पहाड़ की तरफ से बोल्डर भी गिरे, मजदूर बाल-बाल बचे। हिलवेज कंपनी द्वारा रात को मजदूरों की सुध नहीं लिए जाने से स्थानीय जनता में रोष व्याप्त है। निचले क्षेत्रों में जहां वर्षा से लोगों को राहत मिली वहीं बर्फीले क्षेत्रों में आफत बढ़ी है।
मार्ग में जमीं बर्फ को हटाने में जुटे यात्री।
नजंग के पास विशाल बोल्डर मकान पर गिरा, एक मजदूर की मौत, तीन घायल
धारचूला : तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर धारचूला से लगभग 52 किमी दूर नजंग के पास चट्टान दरकने से पहाड़ की तरफ से बोल्डर मकान पर आ गिरा। जिससे एक मजदूर की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। दो चौकीदारों को भी हल्की चोट आई। जबकि अन्य मजदूरों ने भागकर जान बचाई।
शनिवार दोपहर के बाद नजंग में सड़क किनारे स्थित एक मकान पर अचानक पहाड़ी से लुढ़ककर एक बोल्डर गिर गया। घटना के समय सड़क निर्माण कार्य में लगे एक ठेकेदार के मजदूर खाना बना रहे थे। बीते 48 घंटे की वर्षा और ऊपरी क्षेत्र में हुए हिमपात के चलते अचानक एक चट्टान दरक गई और विशाल बोल्डर मकान पर गिरा।
चपेट में आए चार मजदूर
बोल्डर के गिरते ही कुछ मजदूर मौके पर से भागने में सफल रहे, परंतु चार मजदूर चपेट में आ गए। जिसमें 18 वर्षीय संतोष ठगुन्ना पुत्र चंद्र सिंह ठगुन्ना निवासी नौगढ़ ठुलीगड़ा नेपाल की मृत्यु हो गई। जबकि 22 वर्षीय गणेश सिंह ठगुन्ना पुत्र चंद्र सिह ठगुन्ना, 28 वर्षीय दीपक सिंह ठगुन्ना निवासी नौगढ़ ठुलीगड़ा जिला दार्चुला नेपाल और 38 वर्षीय विरेंद सिंह पुत्र कल्याण सिंह निवासी जिप्ती, धारचूला घायल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही निकटवर्ती पांगला पुलिस थाने से पुलिस जवान मौके पर पहुंचे। तहसील मुख्यालय से एसडीएम मंजीत सिंह, कोतवाल विजेंद्र साह भी पुलिस जवानों के साथ मौके पर पहुंचे।
वहीं घायल विरेंद्र सिंह को एनएचपीसी अस्पताल पहुंचाया गया, उसके कमर में चोट है। दो अन्य घालयों गणेश सिंह ठगुन्ना और दीपक सिंह को सीधे जिला अस्पताल पिथौरागढ़ लाया गया है।
घटना के दौरान राकेश जोशी और सुरेश कुमार को मामूली चोट आई। मृतक के शव को पांगला पुलिस ने धारचूला पहुंचाया। एसडीएम ने मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने लोगों से इस समय उच्च हिमालयी मार्ग पर अनावश्यक आवाजाही नहीं करने की अपील की है।
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