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'भारतीय टीम में वापसी की कोशिश में जुटे अजिंक्य रहाणे ने पुराने दिनों को याद किया। रहाणे ने बताया कि जब उन्होंने भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया उसके बाद पहली गाड़ी सेकंड हैंड वेगनार खरीदी थी। रहाणे ने जमीन से जुड़े रहने के पीछे की अपनी वजह भी बताई। अजिंक्य रहाणे इस समय रणजी ट्रॉफी में व्यस्त हैं और मुंबई को खिताब दिलाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
भारतीय क्रिकेट के सबसे चर्चित नामों में से एक अजिंक्य रहाणे को किसी परिचय की जरुरत नहीं है। दाएं हाथ के बैटर ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन उन्होंने अपनी असली छाप टेस्ट क्रिकेट में छोड़ी
बहरहाल, इस समय अजिंक्य रहाणे किसी भी प्रारूप में राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। 36 साल के रहाणे ने राष्ट्रीय टीम में वापसी की उम्मीदों को छोड़ा नहीं हैं। वह लगातार घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर सके। अपनी जिंदगी में कई समझौते करने वाले रहाणे जानते हैं कि शांत कैसे रहना है और अपने मौके का इंतजार करना है।
रहाणे ने खोले दिल के राज
अनुभवी बल्लेबाज ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, ''मैं डोंबीवली से हूं। मेरे लिए ट्रेन से यात्रा करना चुनौतीपूर्ण था और जब 8 साल का था तब से ही अकेले यात्रा कर रहा हूं क्योंकि मेरे पिता को ऑफिस जाना होता था। मैं लोअर मिडिल क्लास परिवार से हूं।''
उन्होंने आगे कहा, ''मेरी मां बच्चे का ख्याल रखती थी ताकि अतिरिक्त कमाई हो सके क्योंकि मेरे पिता की सैलरी से हमारा गुजारा नहीं हो पाता था। वो यादें अब भी मेरे दिमाग में बसी हुई हैं और यही वजह है कि मैं हमेशा जमीन से जुड़े रहने की कोशिश करता हूं। यह शान और पैसा सिर्फ इस खेल
कप्तान के रूप में रहाणे की सोच
अजिंक्य रहाणे ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को कई यादगार जीत दिलाई हैं। रहाणे ने बताया कि कप्तान के रूप में उनकी मानसिकता कैसी रहती है। रहाणे ने कहा, ''मुझे किसी की निजी जिंदगी में दखल देना सही नहीं लगता, लेकिन एक लीडर होने पर अगर मुझे कहना होता है तो मैं कह देता हूं। मैंने खिलाड़ियों को प्रतिभावान देखा है, लेकिन गलत चयन और गलत दोस्तों के कारण वो भटक गए।''
उन्होंने आगे कहा, ''यह जरूरी है कि हम नहीं भूले कि कहां से आए हैं। कई बार खिलाड़ी का शानदार समय चल रहा होता है तो आप देखते हैं कि लोगों का उन्हें भरपूर समर्थन मिलता है। अचानक कुछ गलत हो तो वो ही लोग गायब हो जाते हैं, साथ नहीं देते हैं। तो यह आपके लिए जानना जरूरी है कि कौन आपके सच्चे दोस्त हैं।''
सेकंड हैंड वेगनार कार खरीदी
अजिंक्य रहाणे ने उस समय को भी याद किया जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान मिलना शुरू हुई। उन्होंने बताया जब भारत के लिए डेब्यू कर लिया तब सेकंड हैंड वेगनार कार खरीदी थी। रहाणे ने कहा, ''यहां परिवार के मूल्य काम आते हैं। माता-पिता कभी नहीं कहेंगे कि खर्च मत कर, लेकिन वो ये कहेंगे कि जरुरत के हिसाब से खर्च कर।''
भारतीय क्रिकेटर ने कहा, ''मैंने अपनी जिंदगी में काफी देरी से कार खरीदी थी। मैं पहले निलेश कुलकर्णी, अविष्कार साल्वी या प्रवीण तांबे में से किसी से लिफ्ट ले लिया करता था। मैंने जब भारत के लिए खेला तब सेकंड हैंड वेगनार कार खरीदी थी। लोग बोले कि बड़ी कार ले, लेकिन मेरे लिए सहज होकर यात्रा करना था। मैं सोच-समझकर निवेश करना चाहता था। दो साल के बाद मैंने होंडा सिटी कार खरीदी।''
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