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झारखंड में सेस की राशि की चोरी को रोकने के लिए अब सरकार आगे आई है। हेमंत सरकार सेस चोरी रोकने के लिए प्लान बना रही है। राज्य सरकार सेस वसूली से लेकर मजदूरों के लिए संचालित होने वाली सभी योजनाओं को ऑनलाइन करने के लिए श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग सेस मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने जा रही है।
रांची। राज्य में निजी और सरकारी निर्माण कार्य करने वाले बिल्डर और ठेकेदार सेस की राशि की अब चोरी नहीं कर सकेंग
उन्हें हर हाल में निर्माण कार्यों की कुल लागत का एक प्रतिशत सेस झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड को देना होगा, ताकि उस राशि से निबंधित मजदूरों के लिए कल्याण योजनाएं संचालित की जा सके।
सेस की वसूली में विभिन्न विभाग भी लापरवाही नहीं बरत पाएंगे। अभी तक सेस की वसूली मैनुअल होती थी, जिसमें कई बार ठेकेदार और बिल्डर पूरी राशि जमा नहीं करते थे।
अब राज्य सरकार सेस वसूली से लेकर मजदूरों के लिए संचालित होने वाली सभी योजनाओं को ऑनलाइन करने के लिए श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग सेस मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने जा रही है।
अब होगी ऑनलाइन वसूली
सेस एंड मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से निर्माण कार्यों से लेकर सेस की वसूली को ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि उसकी निगरानी विभिन्न स्तरों पर की जा सके। इसके माध्यम से जिलों को लक्ष्य भी दिया जाएगा तथा डाटा की समीक्षा की जा सकेगी
बिल्डरों और लाभुकों का निबंधन भी पोर्टल आधारित इस सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन हो सकेगा। साथ ही लाभुकों के खाते में विभिन्न योजनाओं की राशि डीबीटी की जा सकेगी। निर्माण कार्य तथा सेस वसूली की विभागवार जानकारी भी विभग के पास रहेगी।
इस सिस्टम में डैश बोर्ड भी होगा, जिससे लाभुकों एवं अन्य नागरिकों के साथ-साथ बिल्डर भी यह जानकारी प्राप्त कर सकेंगे कि सेस के रूप में बोर्ड के पास कितनी राशि जमा हुई तथा उससे किस योजना में कितनी राशि लाभुकों को प्राप्त हुई।
केंद्र का कानून राज्य में है लागू, निर्माण कार्य का एक प्रतिशत सेस देना अनिवार्य
राज्य सरकार ने केंद्रीय कानून भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण अधिनियम, 1996 को अपनाते हुए वर्ष 2007 में इससे संबंधित नियमावली लागू की है। इसके तहत झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। विभागीय मंत्री इस बोर्ड के अध्यक्ष होते हैं।
इस बोर्ड के पास ही सेस की राशि जमा होती है तथा इसके द्वारा ही निबंधित कामगारों के लिए योजनाएं संचालित की जाती हैं। लागू नियमावली के तहत निजी एवं सरकारी क्षेत्र में होनेवाले निर्माण कार्य में कुल लागत का एक प्रतिशत राशि सेस के रूप में देना अनिवार्य है।
वर्तमान में संचालित की जा रही 13 योजनाएं
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य में संलग्न एवं बोर्ड में निबंधित मजदूरों के लिए वर्तमान में 13 योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
इनमें श्रमिक औजार सहायता योजना, कामगारों के बच्चों के लिए मेधावी छात्र-छात्रा छात्रवृत्ति योजना, चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना, विवाह सहायता योजना, पेंशन योजना, निश्शक्त पेंशन योजना, परिवार पेंशन योजना, अनाथ पेंशन योजना, मातृत्व प्रसुविधा योजना, अंत्येष्टि योजना, मृत्यु/दुर्घटना योजना तथा सेफ्टी किट योजना है।
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