संभल के चंदौसी में तालाब की जमीन पर बनी मजारों को प्रशासन ने रविवार को तुड़वाकर कब्जा मुक्त करा लिया। यह कार्रवाई राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष कौशल किशोर वंदेमातरम की शिकायतों के बाद की गई है। तालाब के बीचोबीच बनी मजार को ध्वस्त कर दिया गया है और कब्जा करने वाले तांत्रिक के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
चंदौसी। पहले जमींदोज हो चुकी बावड़ी निकलवाई और अब करीब एक दशक से तालाब की भूमि पर बनी मजारों को तुड़वाकर कब्जा मुक्त कराया गया। यह दोनों बड़े मामले राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौशल किशोर वंदेमातरम की ओर से की गई शिकायतों के बाद प्रकाश में आए
प्रशासन ने भी इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए संबधित भूमि को अपने कब्जे में लेकर इसके सुंदरीकरण की कवायद शुरू कर दी। तहसील प्रशासन ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। कब्जा करने वाला तांत्रिक सामान समेटकर फरार हो गया है।
बता दें कि शनिवार 1 फरवरी को तहसील सभागार में संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित था। इसमें राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष कौशल किशोर वंदेमातरम ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपा था। उन्होंने चंदौसी की सीता आश्रम पुलिस चौकी क्षेत्र में गुलडहरा रोड पर चंदौसी एवं मई ग्राम की सीमा में सरकारी तालाब की जमीन पर मई निवासी तांत्रिक मुहम्मद जान द्वारा भूमाफियाओं व आसामाजिक तत्वों के साथ मिलकर मजार बनाकर अवैध रूप से कब्जा कर लिए जाने की शिकायत की थी।
जिलाधिकारी ने की त्वरित कार्रवाई
इस पर जिलाधिकारी द्वारा तत्काल कार्रवाई किए जाने के आदेश तहसील प्रशासन को दिए थे। रविवार को तहसील प्रशासन के सभी अधिकारियों के साथ कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तालाब की पैमाइश कराई तो पता लगा कि तालाब के बीचोबीच मजार बनाकर उस पर कब्जा कर लिया गया था।
पालिका कर्मचारियों से इस मजार को ध्वस्त कराने के साथ ही कब्जा करने वाले तांत्रिक के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि तांत्रिक फरार हो गया है
इससे पहले भी जिलाधिकारी से की गई थी शिकायत
अहम बात यह है कि गुलडहरा-मई रोड़ पर स्थित तालाब की भूमि गाटा संख्या 1397/2 लगभग ड़ेढ बीघा है। 17 जून 2016 को हिंदू नेता कौशल किशोर वंदेमातरम की ओर से जिलाधिकारी संभल को एक ज्ञापन दिया गया था, इसमें कहा गया था कि उक्त तालाब की भूमि पर कब्जा करने की नियत से मजार बनाकर ग्राम मई थाना चंदौसी निवासी मुहम्मद जान द्वारा झाड-फॅूक का कार्य किया जाता है।
इस पर तत्कालीन डीएम के आदेश पर तालाब की नाप-जोख कराने के आदेश दिए गए थे। 19 जून 2016 को उप जिलाधिकारी चंदौसी के निर्देश पर लेखपाल फकीरी सिंह अमीरचंद्र द्वारा स्थानीय व्यक्तियों एवं हिन्दू संगठन के के पदाधिकारियों की उपस्थिति में रकबे की नाप-जोख की गयी थी, लेकिन तालाब को कब्जा मुक्त नहीं कराया जा सका था। इसके बाद 20 जून 2016 को भी उप जिलाधिकारी को इसकी शिकायत की गई थी।
21 दिसंबर को बावड़ी की खुदाई को लेकर की गई थी शिकायत
बता दें कि बीती 21 दिसंबर को तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में राष्ट्रीय सनातन महासंघ के प्रमुख कौशल किशोर वंदेमातरम की ओर से बावड़ी की खोदाई कर उसे अस्तित्व में लाने के लिए जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र दिया गया था।
शिकायत पर तत्काल अमल करते हुए उसी दिन जिला प्रशासन ने शहर के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में खाली पड़े एक प्लाट की खाेदाई शुरू कराई थी। यहां स्थित बावड़ी की ऊपरी मंजिक को पूरी तरह से ध्वस्त कर बावड़ी को जमींदोज कर दिया गया था। खोदाई हुई तो बावड़ी सामने आ गई। अब इसे पर्यटन स्थल बनाए जाने की कवायद चल रही है।
रविवार को तालाब की जमीन कब्जा मुक्त कराने के लिए एसडीएम निधि पटेल के साथ ही तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार, दो लेखपाल, कानूनगो, कोतवाली प्रभारी मोहित बालियान के साथ ही तहसील व नगर पालिका के कर्मचारी मौजूद रहे।
चंदौसी के एसडीएम निधि पटेल ने बताया कि शिनवार को संपूर्ण समाधान दिवस में तालाब पर कब्जे की शिकायत की गई थी। इसको लेकर तालाब की पैमाइश कराई गई। इसके साथ ही तालाब में र्ठंटें रखकर बनाई गई मजार को हटवाया गया। जल संरक्षण के लिए अब इस तालाब का सुंदरीकरण कराया जा सकता है।
10 सालों से तालाब की जमीन पर था कब्जा
पिछले दस वर्ष से तालाब की जमीन पर मजार बनाकर प्रेत वाधा दूर करने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा था। खास बात यह है कि हिंदुओं की ओर तालाब किनारे एक बंदर को दफनाया गया था। इसे भी मुहम्मद जान ने हरे रंग से पुतवाकर मजार का रूप दे दिया था और इस पर चादरें बिछा दी गई थीं।
इसी के बराबर में एक झोपड़ी बनाई गई थी। जिसमें महिलाओं की भूत वाधा दूर करने के लिए तंत्र क्रिया की जाती थी। जब शनिवार को डीएम द्वारा तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त करने के आदेश दिए गए तो तमाम मीडिया कर्मियों के साथ अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए थे।
यहां करीब दर्जन भर महिलाएं व युवतियां मजार के आसपास व झोपड़ी में बैठी थीं। जब लोगों को आते देखा तो मुहम्मद जान वहां से भागने लगा, लेकिन लोगों ने इसे बुला लिया और जब उससे पूछताछ की गई तो वह साफ मुकर गया और कहने लगा कि यह मजार उसने नहीं बल्कि हिंदुओं ने ही बनाई है।
पुलिस ने दोनों मजारों को किया ध्वस्त
महिलाएं भी खुद ही यहां आती हैं। वह तो केवल यहां की साफ सफाई कर देता है। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि रात में जंगल में बनी झोपड़ी के अंदर तंत्र क्रिया की जाती है। लोग आपस में बात करते रहे और तांत्रिक वहां से खखेतों में होकर निकल गया। जिस झोपड़ी में चटाई, बिस्तर और बक्शा रखा था, वह सब रात में ही गायब कर दिया गया। यही नहीं झोपड़ी को भी तोड़कर निशान मिटाने की कोशिश की गई। रविवार को दोनों मजारों को ध्वस्त कर दिया गया।
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