2025 उत्तराखंड निकाय चुनाव परिणाम 2025 में निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी ने श्रीनगर के पहले महापौर के रूप में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को हराया। आरती भंडारी ने अपने समर्थकों और नगर क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह अपने संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करेंगी
श्रीनगर गढ़वाल। निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी ने नगर निगम श्रीनगर महापौर पद पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी आशा उपाध्याय को 1639 मतों के अंतर से हराया। जीत के साथ निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी नवगठित नगर निगम श्रीनगर की पहली महापौर बन चुकी है।
आरती भंडारी ने अपने समर्थकों व नगर क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया। कहा कि उन्होंने संकल्प पत्र में जो भी वादे शहर की जनता से किए थे उन सभी पर कार्य होगा।नगर निगम श्रीनगर में महापौर पद पर निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी को कुल 7959 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी आशा उपाध्याय को 6320 मत मिले।
483 मत रद्द पाये गए जबकि 90 नोटा पड़े
निर्दलीय प्रत्याशी पूनम तिवारी 2633 मतों के साथ तीसरे, कांग्रेस प्रत्याशी मीना रावत 2075 मतों के साथ चौथे व यूकेडी प्रत्याशी सरस्वती देवी को 243 मत प्राप्त हुए। इसके अलावा 483 मत रद्द पाये गए जबकि 90 नोटा पड़े। नगर पालिका से विस्तारित होकर नगर निगम बने श्रीनगर का पहला महापौर बनने के लिए भाजपा-कांग्रेस समेत निर्दलीय प्रत्याशियों ने जमकर प्रचार किया था, लेकिन पहला महापौर बनने का खिताब आरती भंडारी ने अपने नाम किया।
आरती भंडारी इससे पूर्व ब्लॉक प्रमुख खिर्सू व जिला पंचायत सदस्य रह चुकी है। चुनाव जीतने के बाद महापौर प्रत्याशी आरती भंडारी ने अपने समर्थकों के साथ देर रात नगर क्षेत्र में रैली निकाल मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने कमलेश्वर महादेव मंदिर में पहुंच दर्शन किये।
इसके बाद विजय जुलूस राष्ट्रीय राजमार्ग समेत नगर के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए श्रीकोट की ओर रवाना हुआ। आरती भंडारी की रिकार्ड मतों से जीत के बाद समर्थकों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। आरती ने कहा कि जनता ने जो आर्शीवाद उनके पक्ष में मतदान कर किया उसका वह आजीवन आभारी रहेंगी
धिकांश पार्षद पदों पर निर्दलियों का कब्जा
श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर नगर निगम में महापौर पद से लेकर अधिकांश पार्षद पदों पर निर्दलियों का कब्जा रहा। निगम के कुल 40 वार्डों में से 18 वार्डों में भाजपा और कांग्रेस को पटकनी देते हुए निर्दलीय प्रत्याशी पार्षद चुने गए हैं। भाजपा के 16 पार्षद और कांग्रेस के छह पार्षद ही चुने गए हैं।
भाजपा के चुने गए पार्षदों में एक वार्ड नम्बर 14 से शंकरमणि मिश्रा पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को छोड़ जनता ने इस बार निर्दलीय प्रत्याशियों पर ज्यादा भरोसा जताया। श्रीनगर नगर निगम महापौर पद पर विजयी प्रत्याशी आरती भंडारी के पति लखपत भंडारी भाजपा जिला उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
पार्टी से बगावत कर पत्नी के चुनाव लड़ने पर उन्हें भाजपा ने छह साल के लिए निष्कासित भी किया। लेकिन चुनाव नतीजों से दिख रहा है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा भी निर्दलीय आरती को वोट दिया गया है। इससे भाजपा प्रत्याशी आशा उपाध्याय बढ़त नहीं ले पायी। महापौर पद पर विजयी निर्दलीय आरती भंडारी मतगणना में शुरू से ही बढ़ते लिए हुए दिखाई दी। लगभग हर वार्ड में भाजपा के मुकाबले ज्यादा वोट मिले और यही उनकी जीत का पुख्ता आधार भी बना।
पति लखपत सिंह भंडारी ने संभाली कमान
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रहने के साथ ही गहड़ से जिला पंचायत के पूर्व सदस्य रहे लखपत सिंह भंडारी ने अपनी पत्नी आरती भंडारी के चुनाव प्रचार की कमान शुरू से ही संभाली थी। लखपत भंडारी भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भी रहे हैं जिन्हें पार्टी के खिलाफ कार्य करने पर निकाय चुनाव से कुछ दिन पूर्व पार्टी से निष्कासित भी किया गया। पिछले दो सालों से लखपत भंडारी सनातन और हिंदू बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। जिसका उन्हें नगर निगम चुनाव में भरपूर लाभ भी मिला।
पत्नी के चुनाव जीतने पर लखपत भंडारी ने कहा कि सनातन और हिंदुत्व विकास के साथ ही उनका प्रमुख मुद्दा बना रहेगा। वह इस बात से भी सहमत रहे कि चुनाव में भाजपा के कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ ही विहिप और बजरंग दल के कई सदस्यों का भी पूरा समर्थन मिला। आरती भंडारी लखपत भंडारी इस जीत को जनता की जीत बता रहे हैं।
हिंदूवादी नेता के रूप में छवि बनाने में कामयाब रहे
पूर्व जिला पंचायत सदस्य लखपत भंडारी पिछले दो साल में हिंदूवादी नेता के रूप में अपनी छवि बनाने में कामयाब भी रहे। चुनाव में भाजपा की ओर से प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत और कांग्रेस की ओर से पार्टी के पूर्व प्रदेश गणेश गोदियाल अपने-अपने प्रत्याशियों की चुनावी कमान संभालने के बावजूद लखपत भंडारी बतौर मुख्य चुनाव प्रचारक अपनी पत्नी को चुनाव जिता गए।
चुनाव जीतने की खुशी में तहसील परिसर में ही लखपत भंडारी और आरती भंडारी दोनों पति पत्नी भावुक भी हो उठे। महापौर निर्वाचित हुईं आरती भंडारी ने लखपत भंडारी का माला पहनाते हुए जीत की खुशी भी साझा की।
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