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..नवी मुंबई में इस्कॉन के श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दुनियाभर में फैले इस्कॉन के अनुयायी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की डोर से बंधे हैं। उन सबको एक-दूसरे से कनेक्ट रखने वाला एक और सूत्र है जो चौबीसों घंटे हर भक्त को दिशा दिखाता रहता है। ये श्रील प्रभुपाद स्वामी के विचारों का सूत्र है।

बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने नवी मुंबई में इस्कॉन के श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज ज्ञान और भक्ति की इस महान धरती पर इस्कॉन के प्रयासों से श्री श्री राधा मदनमोहन जी मंदिर का उद्घाटन हो रहा है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे ऐसे अलौकिक अनुष्ठान में अपनी भूमिका निभाने का पुण्य प्राप्त हुआ है।

अध्यात्म और ज्ञान की परंपरा के दर्शन

पीएम मोदी ने कहा कि मैं अभी देख रहा था कि श्री श्री राधा मदनमोहन जी मंदिर परिषद की जो रूपरेखा है, इस मंदिर के पीछे जो विचार है, इसका जो स्वरूप है, उसमें अध्यात्म और ज्ञान की सम्पूर्ण परंपरा के दर्शन होते हैं। मंदिर में ईश्वर के विविध स्वरूपों के दर्शन होते हैं। मुझे विश्वास है कि ये मंदिर परिसर आस्था के साथ-साथ भारत की चेतना को भी समृद्ध करने का एक पुण्य केंद्र बनेगा।

पीएम ने किया गोपालकृष्ण गोस्वामी महाराज का जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं इस पुनीत कार्य के लिए इस्कॉन के सभी संतों और सदस्यों को और महाराष्ट्र के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज इस मौके पर मुझे परम श्रद्धेय गोपालकृष्ण गोस्वामी महाराज का भावुक स्मरण भी हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में उनका विजन जुड़ा हुआ है। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनकी अगाध भक्ति का आशीर्वाद जुड़ा हुआ है। आज वो भौतिक शरीर से भले ही यहां न हो, लेकिन उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति हम सब महसूस कर रहे हैं।

जनसामान्य की चेतना से जोड़ने का अनुष्ठान

पीएम मोदी ने कहा कि श्रील प्रभुपाद स्वामी ने उस समय वेद-वेदांत और गीता के महत्व को आगे बढ़ाया जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था। उन्होंने भक्ति वेदांत को जनसामान्य की चेतना से जोड़ने का अनुष्ठान किया। आज दुनिया के हर कोने में करोड़ों लोगों को उनकी तपस्या का प्रसाद मिल रहा है। श्रील प्रभुपाद स्वामी की सक्रियता, उनके प्रयास आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

पीएम मोदी बोले- भारत किसी सीमा में नहीं बंधा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत केवल भौगोलिक सीमाओं में बंधा भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं है। भारत एक जीवंत धरती है, एक जीवंत संस्कृति है और इस संस्कृति की चेतना है- यहां का आध्यात्म! इसलिए, यदि भारत को समझना है, तो हमें पहले आध्यात्म को आत्मसात करना होता है।

प्रधानमंत्री बोले- हमें हमेशा देश हित में काम किया

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग दुनिया को केवल भौतिक दृष्टि से देखते हैं, उन्हें भारत भी अलग-अलग भाषा और प्रांतों का समूह नजर आता है। लेकिन जब आप इस सांस्कृतिक चेतना से अपनी अपनी आत्मा को जोड़ते हैं, तब आपको भारत के विराट रूप के दर्शन होते हैं। मुझे संतोष है कि हमारी सरकार भी सेवा भावना के साथ पूरे समर्पण से लगातार देशवासियों के हित में काम कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा, हर घर में शौचालय बनवाना, हर गरीब महिला को उज्ज्वला का गैस कनेक्शन देना, हर घर तक नल से जल की सुविधा पहुंचाना, हर गरीब को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देना, 70 वर्ष की आयु से ऊपर के हर बुजुर्ग को इस सुविधा के दायरे में लाना, हर बेघर को पक्के घर देना, इसी सेवा भावना और समर्पण भाव के साथ किए गए कार्य हैं। जो मेरे लिए हमारी महान सांस्कृतिक परंपरा का प्रसाद हैं।'

पीएम बोले- श्रील प्रभुपाद आज भी हमनें प्रेरित करते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि श्रील प्रभुपाद स्वामी ने उस समय वेद-वेदांत और गीता के महत्व को आगे बढ़ाया जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था। उन्होंने भक्ति वेदांत को जनसामान्य की चेतना से जोड़ने का अनुष्ठान किया। आज दुनिया के हर कोने में करोड़ों लोगों को उनकी तपस्या का प्रसाद मिल रहा है। श्रील प्रभुपाद स्वामी की सक्रियता, उनके प्रयास आज भी हमें प्रेरित करते हैं।