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बरेली में एक दिल को छू लेने वाली घटना में एक डेढ़ वर्षीय बच्ची जो जंक्शन पर अपनी मां से बिछड़ गई थी 15 घंटे बाद अपनी मां से फिर से मिल गई। इस पुनर्मिलन में अभिनेत्री दिशा पाटनी की बहन मेजर खुशबू की महत्वपूर्ण भूमिका थी जिन्होंने लावारिस बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया और सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया था।

बरेली। रविवार सुबह जंक्शन से लापता हुई डेढ़ वर्षीय बच्ची को 15 घंटे बाद दोबारा मां गुफराना की गोद मिल सकी। जीआरपी के सिपाही उसकी मां को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। 

घंटों मां की छाया से दूर रही बच्ची उन्हें देखकर सिसकने लगी… मां की आंखें भी भर आईं थीं। बेटी को गले से लगाने के बाद गुफराना ने अभिनेत्री दिशा पाटनी की बहन मेजर खुशबू के प्रति आभार जताया।

यह है पूरा मामला

रविवार सुबह सात बजे लावारिस बच्ची पुरानी पुलिस लाइंस के खंडहर में रो रही थी। पड़ोस में रहने वाली मेजर खुशबू ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया था। उन्होंने इससे संबंधित वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किए थे। 

इस बीच सुबह 10 बजे जंक्शन जीआरपी थाने पहुंची गुफराना ने बताया कि उनकी बेटी लापता हो गई। वह सुबह छह बजे बदायूं स्थित ससुराल से जंक्शन पहुंची थी, यहां से मधुबनी (बिहार) में मायके जाने के लिए ट्रेन पकड़नी थी। 

बेटी भूख के कारण रो रही थी, इसलिए दूध गर्म करने के लिए चाय की दुकान तलाशने लगी। उस समय प्लेटफार्म नंबर एक पर बैठे युवक से कहा कि बेटी को कुछ देर देखे रहे, जंक्शन गेट से दूध गर्म कर 10 मिनट में वापस आती हूं। 

15 मिनट बाद लौटी तो युवक और बेटी वहां नहीं थी। उनकी शिकायत पर जीआरपी ने सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी। उससे पता चला कि युवक उस बच्ची को गोद में लेकर जंक्शन से बाहर गया था। उसकी तलाश में टीमें लगाई गईं। 

खुशबू के वीडियो देख जीआरपी को मिला सुराग

जीआरपी के अनुसार, देर शाम सोशल मीडिया पर वायरल मेजर खुशबू के वीडियो से पता चला कि बच्ची जिला अस्पताल में है। इसके बाद रात नौ बजे जीआरपी के सिपाही गुफराना को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। सोमवार दोपहर को पुलिस ने बच्ची ले जाने वाले युवक की भी तलाश कर ली। 

जीआरपी के इंस्पेक्टर ने परवेज अली खां ने बताया कि बदायूं निवासी आरोपी युवक मानसिक रूप से कमजोर है। वह अक्सर जंक्शन व आसपास भटकता है। उसे न जाने क्या सूझा कि बच्ची को प्लेटफार्म से उठाकर एक किमी दूर खंडहर में लिटा आया। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। गुफराना रविवार देर रात किसी अन्य ट्रेन से बिहार चली गईं।