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बनारस समाचार

वक्फ कानून को लेकर एक तरफ पूरे देश में कट्टरपंथी मौलानाओं ने नफरत की आग जला रखी है। वहीं दूसरी तरफ, रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम की महाआरती कर नफरत की आग पर प्रेम का पानी डालकर बुझाने का संदेश दिया।

मुस्लिम  फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं की श्रीराम महाआरती का आयोजन लमही के सुभाष भवन में किया गया।

सजावटी थाल, खूबसूरत रंगोली, उर्दू में लिखा श्रीराम मुस्लिम महिलाओं की श्रद्धा को व्यक्त कर रहा था। मुस्लिम महिलाएं खुश थीं, क्योंकि वक्फ संशोधन बिल पास हो गया और उसमें उनको भी अधिकार मिला है। 
कहा गया कि पूरे देश में वक्फ कानून को लेकर नफरत भड़काकर हिन्दू-मुसलमानों के बीच समाज को बांटा जा रहा है। मौलानाओं के बयान देश को तोड़ने की दिशा में आ रहे हैं। ऐसे में काशी से मुस्लिम महिलाओं द्वारा प्रेम, एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द्र का संदेश नफरत फैलाने वालों के मुंह पर तमाचा है।

केंद्र सरकार को बड़ी राहत भी मिली जब मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि वक्फ कानून रामजी की कृपा से पास हुआ है। 

नकाबपोश मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में भगवान श्रीराम की आरती उतारी। उर्दू में लिखी राम आरती को मुस्लिम महिलाओं ने गाया। रामजी के जन्म पर सोहर गाये गए और जय सियाराम का नारा लगा।

बोलीं- प्रभु श्रीराम ही हमारे पूर्वज

नाजनीन अंसारी ने कहा कि अरबी, तुर्की, मुगल लुटेरे आए, आक्रमण किया, राज किया, बहुतों ने धर्म बदल लिया, लेकिन अरबियों और तुर्कियों की संस्कृति को कभी हमने स्वीकार नहीं किया। राम भारत की संस्कृति के पर्याय हैं। हमारे पूर्वज हैं। 

कहा कि हम अपनी परंपराओं और पूर्वजों को कैसे बदल सकते हैं? जब-जब हम रामजी की आरती करते हैं, तब-तब हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। हमारे पूर्वज राम भक्त थे, हम भी हैं। आज वक्फ बोर्ड में सुधार से हम खुश हैं। मुस्लिम महिलाओं को अधिकार मिला है। राम का नाम ही संघर्ष को खत्म करने वाला है। 

विशाल भारत संस्थान की डॉ. नजमा परवीन ने कहा कि रामनवमी हमारे देश की संस्कृति का हिस्सा है। रामजी की कृपा से तीन तलाक का बिल और वक्फ बिल मुस्लिम महिलाओं के समर्थन में पास हुआ।

वर्षाें की परंपरा का हुआ निर्वहन

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि श्रीराम का जन्मदिन मनाना हजारों वर्षों की परंपरा है। हर भारतीय इसको मनाता रहा है। मुस्लिम महिलाओं ने इस परंपरा को जीवंत रखा। इससे एकता, प्रेम और सद्भावना का संदेश पूरी दुनिया में जाता है। आज के समय की जरूरत है। राम के नाम से नफरत को खत्म किया जा सकता है। 

वाईस चेयरमैन अफरोज पांडेय मोनी ने कहा कि प्रेम का संदेश देने और अपनी संस्कृति को मानने में कैसा संकोच। यह देश हमारा, यहीं के हमारे पूर्वज, तो राम जी भी हमारे हैं। उनकी आरती कर गर्व का अनुभव हो रहा है।

इस अवसर पर डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, नगीना बेगम, चांदनी, रुखसाना, सितारा बानो, खुशबू जरीना, शमा, इकरा, नाजमा, शमसुननिशा, सुनीता, सुमन प्रीति, आशा, आभा भारतवंशी, मो. शहाबुद्दीन, नौशाद अहमद दुबे, अब्दुल्ला दुबे, कलीमुद्दीन, इली, खुशी, उजाला, दक्षिता आदि लोग मौजूद रहे।

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