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Delhi Vidhan Sabha दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद विधानसभा की कार्यवाही चल रही है लेकिन आम आदमी पार्टी के 22 में से 21 विधायक हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। इसको लेकर गुरुवार को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी समेत निलंबित विधायकों ने विधानसभा के बाहर 7 घंटे तक धरना प्रदर्शन किया। आतिशी ने राष्ट्रपति से तत्काल मिलने का समय मांगा है।
नई दिल्ली। दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद इन दिनों विधानसभा की कार्यवाही चल रही है लेकिन आम आदमी पार्टी के 22 से 21 विधायक हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। अब इसको लेकर गुरुवार को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी समेत निलंबित विधायकों ने विधानसभा के बाहर 7 घंटे तक धरना प्रदर्शन किया।
Atishi ने राष्ट्रपति से तत्काल मिलने का समय मांगा है। उन्होंने AAP के विधायक दल के साथ मिलने का समय मांगा है। विधानसभा में AAP विधायकों को न घुसने देने पर समय मांगा है। आतिशी ने कहा कि विधान सभा परिसर के बाहर रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। पूर्व सीएम ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर और बलिदानी भगत सिंह की तस्वीर दिल्ली सरकार के दफ्तरों से हटाना शहीदों और दलित पिछड़ों का अपमान है।
दलित, पिछड़े और वंचित समाज का अपमान-आतिशी
आतिशी (Atishi) ने अपने पत्र में कहा कि आदरणीय राष्ट्रपति महोदया, आपके संज्ञान में एक अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील विषय लाना चाहती हूं, जो भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। दिल्ली में भाजपा की सरकार ने दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ्तरों से संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर जी और शहीद-ए-आजम भगत सिंह जी की तस्वीर हटा दी है। ये न केवल देश के वीर सपूतों का अपमान है बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है।
जब आम आदमी पार्टी ने विपक्ष के रूप में इस कदम का विरोध किया और इस गंभीर मुद्दे को सदन में उठाने का प्रयास किया, तो विधानसभा अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता जी ने अलोकतांत्रिक रूप से आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को 25 फरवरी को तीन दिनों के लिए सदन की बैठकों से निष्कासित कर दिया।
आतिशी ने आगे लिखा- आज 27 फरवरी को जब आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बैरिकेडिंग कर हमे विधानसभा के परिसर के बाहर ही रोक दिया गया। जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोका जाना लोकतंत्र की हत्या है। इस कारण विपक्ष के विधायकों को सड़क पर ही धरने पर बैठना पड़ा।
'विपक्ष को विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया गया'
यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह घटनाक्रम भारत के लोकतांत्निक इतिहास पर एक काला धब्बा है। अगर विपक्ष को इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंल में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है, ताकि आम लोगों की आवाज सुनी जा सके। लेकिन अभी जो हो रहा है, वह विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिससे जनता की आवाज़ भी दब रही है।
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी का विधायक दल आपसे तत्काल मुलाकात करना चाहते हैं ताकि इस तानाशाही के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें। यह सिर्फ दिल्ली का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र पर संकट का संकेत है। हम उम्मीद करते है कि आप इस अति गंभीर मामले पर तत्काल संज्ञान लेने की कृपा करेंगी और आम आदमी पार्टी के विधायकों को आपसे मिलने के लिए कल दिनांक 28/02/2025 का कोई समय निर्धारित करने की कृपा करेंगी
उपराज्यपाल के भाषण के दौरान की थी नारेबाजी
इससे पहले गुरुवार की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने एएनआई से बात करते हुए कहा की पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि हम(AAP विधायक) विधानसभा से निलंबित हैं। इसलिए हमें विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यह गैर लोकतांत्रिक और गैर संवैधानिक है।
आज तक देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। किसी भी विधानसभा में चुने हुए विधायक को कभी नहीं रोका जाता। संसद में भी गांधी प्रतिमा के नीचे निलंबित होने पर भी विरोध होते हैं। आखिरकार हमें कैसे रोका जा सकता है? हमने अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई बात नहीं हो रही है।
दरअसल AAP के इन विधायकों को उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxsena) के भाषण के दौरान नारेबाजी करने पर निलंबित कर दिया गया था। AAP विधायकों का कहना है कि वह सीएम कार्यालय से भीमराव आंबेडकर की तस्वीर को कथित तौर पर हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं।
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