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मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा क‍ि महाकुंभ का श्रीगणेश हो चुका है। इस बार कुंभ में कई दिव्य योग बन रहे हैं। ये उत्सव विविधता में एकता का है। संगम की रेती पर पूरे भारत के ही नहीं विश्व के लोग जुट रहे हैं। हजारों वर्षों से चली आ रही परंपरा में कहीं कोई भेदभाव नहीं जातिवाद नहीं क‍िया जा रहा है।

प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को साल 2025 की पहली मन की बात की। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर लगे महाकुंभ की चर्चा प्रमुखता से की। पीएम नरेंद्र माेदी ने कहा क‍ि महाकुंभ का श्रीगणेश हो चुका है। चिरस्मरणीय जन सैलाब अकल्पनीय दृश्य और समता समरसता का असाधारण संगम दिखाई दे रहा है।

इस बार कुंभ में कई दिव्य योग बन रहे हैं। ये उत्सव विविधता में एकता का है। संगम की रेती पर पूरे भारत के ही नहीं विश्व के लोग जुट रहे हैं। हजारों वर्षों से चली आ रही परंपरा में कहीं कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं क‍िया जा रहा है। उन्होंने खुशी जाह‍िर की और संतोष जताया कि महाकुंभ में युवाओं की बड़ी भागीदारी दिख रही है।

सभ्‍यता के साथ जुड़ रही युवा पीढ़ी

उन्‍होंने कहा क‍ि जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ, गर्व के साथ जुड़ जाती है तो उसकी जड़ें और मजबूत होती हैं। तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है। इस बार कुंभ के डिजिटल फुट प्रिंट भी इतने बड़े पैमाने पर दिख रहे हैं। कुंभ की ये वैश्विक लोकप्रियता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है

कुंभ में अमीर-गरीब सब समान

देश की सांस्कृतिक विरासत का भान कराते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा क‍ि महाकुंभ में भारत के दक्षिण से लोग आते हैं। भारत के पूर्व और पश्चिम से आते हैं। कुंभ में गरीब और अमीर सब एक हो जाते हैं। सब लोग संगम में डुबकी लगाने आ रहे हैं। एक साथ भंडारों में भोजन कर रहे हैं। प्रसाद ले रहे हैं, तभी तो कुंभ एकता का महाकुंभ है।

भारत को एक सूत्र में बांधती हैं ये परंपराएं

यह आयोजन हमें ये भी बताता है कि कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं। उत्तर से दक्षिण तक मान्यताओं को मानने के तरीके एक जैसे ही हैं। एक तरफ प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है, वैसे ही दक्षिण में गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर पुष्करम होते हैं।

एकता का संदेश देता है महाकुंभ

कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में गंगा सागर में मेले का भी विहंगम आयोजन हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा क‍ि मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ मेले में पूरी दुनिया से आए करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्‍था की डुबकी लगाई है। कुंभ, पुष्करम और गंगा सागर मेला ये पर्व हमारे सामाजिक मेल जोल को सद्भाव को, एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं।

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