क्षेत्र के ए ब्लाक में शुक्रवार को पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर मामले में 76 आरोपितों से यूएस के 17-18 ई-सिम मिले हैं। इन ई-सिम से यूएस के नागरिकों को अमेजन का फर्जी पार्सल डिलीवर होने व लोन दिलाने के नाम पर ठगने वाली कॉल की जा रही थीं।
अमेरिका के एक व्यक्ति से जुड़े हुए थे आरोपी
सेक्टर 63 थाना पुलिस की शुरुआती जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट की सेंट्रल नोएडा जोन पुलिस ने यूएस दूतावास व विदेश जांच एजेंसी से संपर्क किया है। पुलिस के मुताबिक, कॉल सेंटर संचालकों से प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर आरोपित स्काईप एप के माध्यम अमेरिका के एक व्यक्ति से जुड़े हुए थे। वह आरोपितों को ई-सिम उपलब्ध करा रहा था।
क्रिप्टो करेंसी में किया गया था भुगतान
अल्टरनेट नंबरों पर ओटीपी प्राप्त कराकर ई-सिम ईश्यू कराए थे। अमेरिकी नागरिकों को इसका भुगतान क्रिप्टो करेंसी में किया गया था। उसके बाद ई-सिमों को कॉल सेंटर संचालक अपने स्टाफ को देते और ठगी करते। आरोपितों से मिले मोबाइल नंबरों में सैकड़ों पीड़ित अमेरिकी नागरिकों के नंबर मिले हैं।
पुलिस इन नबंरों पर आईएसडी कॉल कर पीड़ितों से संपर्क करने की दिशा में काम कर रही है। पीड़ितों की शिकायत, बयान व ठगी की रकम को केस में शामिल किया जाएगा। इनको आधार बनाकर आरोपितों को सजा दिलाया जाएगा।
जुटाई जाएगी सीडीआर और अन्य जानकारी
पु लिस अधिकारियों के मुताबिक, यूएस ई-सिम होने के कारण सीडीआर और आईपी एड्रेस संबंधी जानकारी के लिए विदेशी जांच एजेंसी व पुलिस से संपर्क किया जाएगा। इसके आधार पर आरोपितों को सिम मुहैया कराने वाले गिरोह और अन्य आरोपितों का पता लगाने का प्रयास रहेगा।
एमलेट से मंगाया क्रिप्टो पेमेंट का डाटा
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सिम, फोन काल के अलावा क्रिप्टो करेंसी में हुए भुगतान की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके लिये एमलेट (क्रिप्टो करेंसी का लेखाजोखा देखने वाली संस्था) से पत्राचार किया जा रहा है। ताकि पता लगा सके कि किसको और किसके खाते से क्रिप्टो करेंसी में पेमेंट किया गया।
इससे ठगी में साथ देने वाले अमेरिकी नागरिक का पता चलेगा। अभी तक पुलिस की जांच कॉल सेंटर संचालकों की ओर से दी जानकारी पर आधारित है। इससे यह पता चलेगा कि कॉल सेंटर संचालकों से स्काईप पर कौन जुड़ता था।
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