Skip to main content

Maharashtra Election 2024 महाराष्ट्र चुनाव की सरगर्मी के बीच भाजपा के बंटेंगे तो कटेंगे नारे पर राज्य का सियासी वोल्टेज हाई हो गया है। महायुति गठबंधन में शामिल अजित पवार की ओर से खुलेआम नारे का विरोध करने के बाद अब देवेंद्र फडणवीस इसका बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि अजित लंबे समय तक हिंदू विरोधी विचारधाराओं के साथ रहे हैं इसलिए उन्हें समझने में अभी समय लगेगा।

महाराष्ट्र में बंटेंगे तो कटेंगे के नारे पर महायुति गठबंधन ही आपस में बंटा नजर आ रहा है। एनसीपी प्रमुख अजित पवार की ओर से खुलेआम इसका विरोध करने पर भाजपा नेता और राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अजित पवार हिंदू विरोधी विचारधारा के साथ थे, इसलिए उन्हें इसमें समय लगेगा।

गौरतलब है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से दिया गया 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा इन दिनों बेहद चर्चित हो रहा है। भाजपा के कई नेताओं ने भी इसे हाथों हाथ लिया है। हालांकि, एनडीए गठबंध के साथ भाजपा के भी कुछ नेताओं ने इस नारे से असहमति जताई है, खासकर कि महाराष्ट्र में।

'जनता का मूड समझने में समय लगेगा'

इस बीच अजित पवार के नारे का विरोध करने पर फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में फडणवीस ने कहा कि अजित पवार को जनता का मूड समझने में समय लगेगा, क्योंकि वे लंबे समय से हिंदू विरोधी विचारधारा के साथ रहे हैं। फडणवीस ने कहा, 'दशकों से अजित पवार ऐसी विचारधाराओं के साथ रहे हैं, जो धर्मनिरपेक्ष और हिंदू विरोधी हैं। खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वालों में कोई वास्तविक धर्मनिरपेक्षता नहीं है। वह ऐसे लोगों के साथ रहे हैं, जिनके लिए हिंदुत्व का विरोध करना धर्मनिरपेक्षता है। खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वालों में कोई वास्तविक धर्मनिरपेक्षता नहीं है।

उन्होंने कहा, 'जनता के मूड को समझने में उन्हें कुछ समय लगेगा। ये लोग या तो जनता की भावनाओं को नहीं समझ पाए या बयान को नहीं समझ पाए या शायद वे कुछ और कहना चाहते थे।' फडणवीस ने कहा कि योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए नारे में कुछ भी गलत नहीं है और कहा कि यह देश का इतिहास रहा है।

'योगी जी के नारों में कुछ भी गलत नहीं लगता'

फडणवीस ने कहा, 'मुझे योगी जी के नारों में कुछ भी गलत नहीं लगता। इस देश का इतिहास देखिए। जब ​​जब बात होती है, तब गुलाम बनते हैं। जब भी यह देश जातियों, राज्यों, समुदायों में बंटा, तब हम गुलाम हुए। देश भी बंटा और लोग भी। इसलिए अगर हम बंटेंगे, तो कट जाएंगे। यह इस देश का इतिहास है।'

उन्होंने कहा, 'और मुझे समझ में नहीं आता कि अगर कोई कहता है कि मत बांटो, तो इस पर आपत्ति करने का क्या मतलब है?' विपक्षी नेताओं ने भी इस नारे की व्यापक निंदा की है और इसमें सांप्रदायिक रंग होने का दावा किया है। यह नारा सीएम योगी ने महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में बोलते हुए दिया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' का नारा दिया।

20 नवंबर को होना है मतदान

गौरतलब है कि महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

News Category