Skip to main content

बदलते बनारस की तस्वीर अब हवाई अड्डे पर भी दिख रही है। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अब रोजाना 86 विमान उड़ान भर रहे हैं। विमानन कंपनियों ने यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अपनी सेवाओं का विस्तार किया है। अब वाराणसी से मुंबई दिल्ली बैंगलुरू चेन्नई हैदराबाद कोलकाता खजुराहो अहमदाबाद पुणे भुवनेश्वर लखनऊ और शारजाह के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।

बाबतपुर। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हवाई परिवहन सेवा लगातार बेहतर हो रही है। सड़क, ट्रेन के अलावा अब लोग हवाई परिवहन सेवा में भी रुचि दिखा रहे हैं। यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए विमानन कंपनियों ने विमान सेवा भी एक-एककर बढ़ाते जा रहे हैं

हवाई अड्डे से 27 अक्टूबर से पहले रोज 64 विमानों का संचालन होता था। विंटर शेड्यूल शुरू होने के बाद कई महानगरों से नई विमानन सेवा शुरू हो गई है। बाबतपुर हवाई अड्डे से फिलहाल 86 विमानों का संचालन हो रहा है। विशेष अवसरों पर विमानों में टिकट तक नहीं मिलता है। दीपावली और छठ पर यात्रियों के दबाव के चलते विमानन कंपनियों ने किराया चार से हजार से बढ़ाकर 19 हजार रुपये तक कर दिया।

लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरू आदि महानगरों के लिए विमानन कंपनियां विमान चला रहे हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण होने के साथ साउथ इंडिया से भी भारी संख्या में यात्री आने लगे हैं। विमानन कंपनियों ने कई नई विमान सेवा भी शुरू की और फायदे में है।

वाराणसी से साउथ इंडिया के लिए फिलहाल 32 विमानों का संचालन हो रहा है। अभी साउथ इंडिया के सिर्फ तीन शहरों बैंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई से ही विमानों का संचालन है। केरल के कोचीन और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट के लिए सीधी विमान सेवा की मांग की जा रही है लेकिन इस रूट पर अभी तक कोई भी विमानन कंपनियां संचालन शुरू करने को लेकर आगे नहीं आई है।

पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो विश्वनाथ धाम बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि, अभी विदेशी पर्यटकों का आवागमन शुरू नहीं हुआ है, फिर भी सभी विमान में यात्री फुल है।

चल रही सीधी विमान सेवा

कोरोना संक्रमण के बाद से विदेशों से सीधी विमान सेवा बंद हो गए थे। उससे पहले सात से आठ देशों से विमान सेवाएं संचालित हो रही थी। फिलहाल सीधी उड़ान सेवा एयर इंडिया शारजाह के लिए और नेपाल की बुद्धा एयरलाइंस काठमांडू के लिए संचालित हो रही हैं।

कोरोना संक्रमण से पहले मलिंदो एयर मलेशिया के लिए श्रीलंकन एयरलाइंस श्रीलंका के लिए, थाई एयर और इंडिगो थाईलैंड को, एयर इंडिया शारजाह को, बुद्धा एयर और एयर इंडिया नेपाल के लिए सीधी विमान सेवा संचालित करते थे। इसके अलावा हज यात्रियों के लिए सऊदी अरब के लिए विमान का संचालन होता था।वजह बताने से एयरपोर्ट अधिकारी कतराते हैं।

कुछ अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर आइएलएस कैटेगरी तीन का न होने से विमानन कंपनियां वाराणसी एयरपोर्ट से कतराती हैं क्योंकि खराब मौसम में विमानन कंपनियों को लैंडिंग और टेक आफ करने में परेशानी होती है, ऐसे में उन विमानों को दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर दिया जाता है। लेकिन 27 अक्टूबर से शुरू हुए विंटर शेड्यूल में कई विमानन कंपनियों से विमान सेवाएं शुरू की।

अभी तक वाराणसी एयरपोर्ट से स्पाइस जेट की एक मात्र उड़ान दिल्ली के लिए संचालित होती थी। रविवार से स्पाइस जेट दिल्ली के लिए दो उड़ानें, चेन्नई, मुंबई और बैंगलुरू के लिए नई उड़ान शुरू की है। दिल्ली से मुंबई के लिए रोज विमान सेवा शुरू हो गई है।

वहीं, चेन्नई की सप्ताह में चार दिन व बैंगलुरू की उड़ान सिर्फ बुधवार को होती है। इंडिगो हैदराबाद के लिए दो नई उड़ान शुरू की। वहीं, मुंबई के लिए एक और नई उड़ान शुरू की है जो मुंबई से भाेर में 4.25 बजे चलकर सुबह 6.25 बजे वाराणसी पहुंचता है। इस विमान के शुरू होने से सुबह मुंबई से जाने वाले यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा इंडिगो खजुराहो के लिए सीधी उड़ान फिर से शुरू की है।

एक नजर में

  • बैंगलुरू-वाराणसी के बीच सर्वाधिक नौ विमान
  • दिल्ली-वाराणसी के बीच 18 विमानों का
  • हैदराबाद-वाराणसी के बीच 12 विमान
  • कोलकाता-वाराणसी के बीच छह विमान
  • मुंबई से रोज 16 उड़ानों का आवागमन

टूटने लगा रिकॉर्ड

लखनऊ, भुवनेश्वर, पुणे, खजुराहो, अहमदाबाद, काठमांडू और शारजाह के लिए रोज विमान संचालित होता है। यदि बुधवार को यात्रियों के आवागमन पर नजर डाले तो विभिन्न शहरों से वाराणसी आने वाले यात्रियों की संख्या 6901 जबकि वाराणसी से विभिन्न शहरों को जाने वाले यात्रियों की संख्या 6050 है। मंगलवार को 5994 यात्री आए और 5586 यात्री यहां से रवाना हुए। सोमवार को 6901 यात्री विभिन्न शहरों से आए और 6661 यात्री उड़ान भरे जो रिकार्ड है। एक दिन में इतने यात्रियों का आवागमन पहले नहीं हुआ था