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समुद्र तल से 4200 मीटर की ऊंचाई पर फंसे सर्बियाई पैराग्लाइडर पायलट मिरोस्लाव प्रोडेनोविक को एडवेंचर टुअर ऑपरेटर एसोसिएशन कुल्लू मनाली की टीम ने रेस्क्यू किया। क्रैश लैंडिंग के कारण उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था। चार घंटे की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद टीम ने रात आठ बजे विदेशी पायलट को तलाश लिया और उसे सुरक्षित सोलंगनाला पहुंचाया। 

मनाली। समुद्रतल से 4200 मीटर की ऊंचाई पर फंसे सर्बिया के पैराग्लाइडर पायलट मिरोस्लाव प्रोडेनोविक को बचाना किसी चुनौती से कम नहीं था। एडवेंचर टुअर ऑपरेटर एसोसिएशन कुल्लू मनाली की टीम बुलंद हौसले के साथ बढ़ी और 4200 मीटर की ऊंचाई में फंसी जिंदगी को बचा लाई।

कांगड़ा जिले की बीड़ बिलिंग पैराग्लाइडिंग साइट से एकल (सोलो) उड़ान भरने वाला सर्बिया का पैराग्लाइडर पायलट मिरोस्लाव प्रोडेनोविक शुक्रवार को रास्ता भटक कर मनाली के रोहतांग से सटे पतालसू जोत इलाके में पहुंच गया था। क्रैश लैंडिंग के कारण उसके पांव में फ्रैक्चर हो गया था।

बीड़ बिलिंग से पायलटों ने भरी थी उड़ान

बीड़ बिलिंग से शुक्रवार को चार पैराग्लाइडर पायलटों ने उड़ान भरी थी। तीन मनाली के सोलंगनाला में सुरक्षित उतर गए, जबकि सर्बिया के पैराग्लाइडर पायलट मिरोस्लाव प्रोडेनोविक रास्ता भटककर पतालसु जोत पहुंच गए। साथियों ने उसके घायल होने की सूचना सोलंगनाला के लोगों को दी। उन्होंने रेस्क्यू टीम से संपर्क किया।

रेस्क्यू टीम ने पुलिस व प्रशासन को इसकी जानकारी दी। प्रशासन से सूचना मिलते ही एडवेंचर टुअर ऑपरेटर एसोसिएशन कुल्लू मनाली के सदस्य चार मजदूरों व अपने आधुनिक उपकरणों के साथ घटनास्थल के लिए दोपहर बाद चार बजे रवाना हुए।

घायल पायलट का किया गया रेस्क्यू

चार घंटे की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद टीम ने रात आठ बजे विदेशी पायलट को तलाश लिया। टीम लीडर जोगी ने बताया कि वह टीम के सदस्यों दीवान, जोगिंदर, घोलू, योगू, खिमी, संजू और भोला के साथ मौके पर पहुंचे। पातालसु जोत के पास पायलट गंभीर चोटों के साथ एक खड़ी चट्टान पर फंस गया था।

उसका बायां पैर बुरी तरह टूट गया था तथा दायें घुटने में भी चोट लगी थी। नाक और मुंह से भी खून बह रहा था। चुनौतीपूर्ण इलाके के बावजूद टीम ने मौके पर ही बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा दी और ऊबड़-खाबड़ ढलानों पर सावधानी से उतरना शुरू किया

देर रात दो बजे घायल पैराग्लाइडर को सुरक्षित सोलंगनाला पहुंचाया। रेस्क्यू आपरेशन में मजदूरों ने भी अहम योगदान दिया। मनाली थाना प्रभारी मुनीश शर्मा ने बताया कि उन्हें शुक्रवार दोपहर बाद चार बजे इस घटना की सूचना मिली। रेस्कयू टीम के साथ मिलकर घायल पायलट को सुबह चार बजे मनाली अस्पताल पहुंचाया।

3 दिन में तीन पायलट हादसे का शिकार

कुल्लू जिले में तीन दिन में तीन पैराग्लाइडर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 30 अक्टूबर को बेल्जियम के पैराग्लाइडर पायलट की मौत हो गई थी। 31 अक्टूबर को मढ़ी से उड़ान भरने वाली चेक गणराज्य की महिला नागरिक 43 वर्षीय डीटा मिसुरकोवा का पैराग्लाइडर क्रैश हो गया था।

मिशन अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया था। एक नवंबर को बीड़ बिलिंग से उड़ान भरने वाला पैराग्लाइडर पायलट रास्ता भटकर कर पतालसू जोत में क्रैश लैंडिंग के दौरान घायल हो गया।

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