दशहरे के दिन पूरे देश में रावण दहन किया जाता है। राजस्थान के कोटा में भी रावण दहन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। मगर दशहरे से एक दिन पहले यहां एक हादसा हो गया। दरअसल क्रेन की मदद से कोटा में रावण के पुतलों और उसके कुनबे को खड़ा किया जा रहा था। मगर इसी दौरान रावण का पुतला 12-15 फुट की ऊंचाई से गिर गया।
जयपुर। दशहरे के दिन पूरे देश में रावण दहन किया जाता है। राजस्थान के कोटा में भी रावण दहन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। मगर दशहरे से एक दिन पहले यहां एक हादसा हो गया।
दरअसल, क्रेन की मदद से कोटा में रावण के पुतलों और उसके कुनबे को खड़ा किया जा रहा था। मगर इसी दौरान रावण का पुतला 12-15 फुट की ऊंचाई से गिर गया। इस वजह से रावण का सिर तहस-नहस हो गया। कई मजदूरों और क्रेन की मदद से पुतलों को खड़ा किया जा रहा था।
80 फुट का था पुतला
जानकारी के मुताबिक कोटा में एक महीने की मेहनत से 80 फुट का रावण का पुतला तैयार किया गया था। 11 अक्टूबर यानी शुक्रवार की रात करीब साढ़े नौ बजे पुतलों को खड़ा किया जा रहा था। क्रेन की मदद से रावण के पुतले को ऊपर उठाया गया। मगर इस दौरान क्रेन से बंधा पट्टा टूट गया। देखते ही देखते पुतला नीचे पंडाल पर आ गिरा। धड़ाम से नीचे गिरने की वजह से पुतले को काफी नुकसान पहुंचा है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दिल्ली के कारीगरों ने बनाया पुतला
कोटा नगर निगम के मुताबिक दिल्ली से आए कारीगरों ने पुतले को तैयार किया था। उसके पिछले हिस्से को काफी नुकसान पहुंचा है। आज यानी 12 अक्टूबर को ही रावण दहन होना है। उससे पहले कारीगर कड़ी मशक्कत के साथ पुतले को ठीक करने की कोशिश में जुटे हैं। कहा जा रहा है कि अधिक वजन के कारण क्रेन की रस्सी टूट गई थी। हालांकि इससे पहले मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले को खड़ा कर दिया गया था।
बारिश भी बनी वजह
उधर, पुतला गिरने की सूचना मिलने पर कोटा नगर निगम के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। राहत की बात यह रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। जानकारी के मुताबिक जब रावण के पुतले को खड़ा करने की कोशिश की जा रही थी ,तभी बारिश होने लगी। इस वजह से काफी देर तक पुतला क्रेन से ही लटका रहा। अधिक वजन क्रेन से बंधी रस्सी नहीं सह सकी और इस वजह से पुतला पंडाल पर आ गिरा।
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