अमेठी समाचार
संभल में तपस्या के दौरान बाबा ने त्यागी थी देह
समाजिक सुधारों के पक्षधर और काली कमली वाले बाबा के नाम से मशहूर पुजारी श्रीपाल तिवारी ने संभल में रविवार को देह त्याग दी। उनके मृत शरीर को शमशेरिया स्थित आश्रम में लाकर भू-समाधित दे दी गई। कमली वाले बाबा के देहांत से उनके मानने वालों में शोक की लहर दौड़ गई।
मुसाफिरखाना इलाके के दुबेपुर शमशेरिया मजरे तेजगढ़ के रहने वाले श्रीपाल तिवारी पूजा-अर्चना में लीन रहते थे। उन्होंने अपने गांव के पास ही आश्रम बनाया था। वहीं रहकर पूजा पाठ करते थे। वह सामाजिक सुधारों के पक्षधर थे। समाज में सुधार को लेकर उन्होंने कई बार कड़ी तपस्याएं कीं। तपस्या करते ही उन्होंने देह त्यागी। अब तक वह 23 बार तपस्या कर चुके हैं। वह अपने आसपास आग जला कर तपस्या करते थे। उन्होंने कादूनाला, रामगंज कौहार, ठेंगहा, गौरीगंज, गुजरात, मेरठ, परसपुर कुड़वार, मध्य प्रदेश में तीन बार आदि स्थानों पर तपस्या की थी। मौजूदा समय में वह संभल में तपस्या कर रहे थे। वहां वह जामो क्षेत्र के निवासी राजेंद्र तिवारी के साथ 11 मई को संभल गए थे। राजेंद्र के मुताबिक 23 से 27 मई तक के लिए संभल के बेनीपुर गांव में तपस्या शुरू की थी। 25 मई की शाम को तबियत खराब हुई। संभल में ही जिला अस्पताल ले जाया गया। 26 मई को दिन में 11.30 बजे उनका देहावसान हो गया। सूचना मिलने पर उनके पुत्र अंकुर परिजनों के साथ शव लाने शाम को संभल पहुंचे थे। सोमवार सुबह उनका मृत शरीर घर पहुंचा। आश्रम में ही उन्हें भू समाधि दी गई है। उनके निधन से उनके अनुनायियों में शोक व्याप्त हैं। बाबा तपस्या के दरम्यान अन्न त्याग देते थे, वह नींबू पानी चाय ही पीते थे। बाबा ने 13 वर्ष पूर्व महाकाल के दर्शनोपरांत वैराग्य धारण कर लिया था।
भरापूरा परिवार छोड़ गए बाबा
श्रीपाल तिवारी उर्फ कमली वाले बाबा अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके परिवार में बेटा अंकुर (30), अतुल (27), पुत्री आरती (25), पत्नी शिव मूर्ति तिवारी हैं। सभी बच्चों की शादी हो चुकी है।
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