Skip to main content

दिल्ली में डेंगू से मौत के आंकड़ों में बड़ा अंतर सामने आया है। दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट में जहां 2023 में डेंगू से 19 मौतें बताई गई हैं वहीं दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में यह आंकड़ा 538 है। यह अंतर केवल इस वर्ष का नहीं है बल्कि हर साल निगम और दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में यह अंतर देखने को मिलता है।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में डेंगू से जान गंवाने वाले लोगों के आंकड़ों में बड़ा झोल सामने आया है। निगम और दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिला है।

वर्ष 2023 में निगम ने डेंगू से 19 मौत का दावा किया था जबकि दिल्ली सरकार के जन्म और मृत्यु पंजीकरण रिपोर्ट में यह आंकड़ा 538 है। यह केवल इस वर्ष का मामला नहीं है हर वर्ष निगम और दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में यह अंतर देखने को मिलता है।

एमसीडी से मांगा गया जवाब

वर्ष 2022 में निगम ने डेंगू से मात्र नौ मृत्यु के आंकड़े बताए थे जबकि दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में यह आंकड़ा 401 था। 2021 में भी निगम की रिपोर्ट में 23 तो दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में 652 लोगों की मृत्यु दर्ज हुई थी। हालांकि इस मामले में एमसीडी के प्रेस एवं सूचना विभाग से जवाब मांगा गया, लेकिन कोई उत्तर नहीं आया।

उल्लेखनीय है कि निगम ने अपनी जिम्मेदारी और आलोचना से बचने के लिए पांच अगस्त 2023 के बाद से मच्छरजनित बीमारियों के साप्ताहिक आंकड़े जारी करने बंद कर दिए हैं। इससे लोगों को दिल्ली में मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति का पता नहीं चलता है।

दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में 538 लोगों की डेंगू से मृत्यु हुई थी उसमें 292 पुरुष तो 246 महिलाएं थी। इसमें एक साल से कम उम्र के आठ बच्चे मच्छरजनित बीमारी डेंगू की वजह से अपनी जान गंवा बैठे। जबकि एक से चार वर्ष की आयु के आठ बच्चे और पांच से 14 वर्ष के 41 बच्चे थे जिनकी मृत्यु डेंगू से हुई

रैपिड टेस्ट से डेंगू नहीं मानता है निगम

निगम और दिल्ली सरकार की रिपोर्ट और आंकड़ों में अंतर की कई वजह हो सकती है लेकिन एक वजह है कि वह डेंगू के रैपिड टेस्ट से डेंगू की पुष्टि होती है तो उसे निगम नहीं मानता है।

जबकि अगर, दिल्ली से बाहर के व्यक्ति की मृत्यु भी दिल्ली में होती है तो उसे भी निगम दिल्ली में पंजीकृत नहीं करता है। जिसकी वजह से निगम और दिल्ली सरकार के आंकड़ो में अंतर आता है। दिल्ली सरकार ने भी अपनी रिपोर्ट में भी यह कहा है कि डेंगू से मृत्यु के जो आंकड़े हैं उसमें कुछ मामले संदिग्ध भी हो सकते हैं और कुछ लोगों के पते दिल्ली से बाहर के हो सकते हैं।

कैसे तय होती है डेंगू से मृत्यु?

राजधानी दिल्ली में तीन प्रमुख निकाय है। इसमें एमसीडी सबसे बड़ा निकाय है। इसके बाद नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और तीसरे स्थान पर दिल्ली कैंट है।

जब अस्पताल में दाखिल किसी व्यक्ति की डेंगू से मृत्यु होती है तो उसकी मृत्यु जानकारी एमसीडी या संबंधित निकाय को दी जाती है। एमसीडी में निगम स्वास्थ्य स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी इसकी जांच करती है। मृतक को अन्य बीमारी या फिर सभी परिस्थितियों को देखकर डेंगू से मृत्यु घोषित किया जाता है।

जब से आप की सरकार निगम में आई है तब से हर चीज में गडबड़ी देखने को मिल रही है। आप सरकार आने के बाद डेंगू के आंकड़े जारी करने ही बंद कर दिए गए हैं। साथ ही कम आंकड़े दिखाने की भी कोशिश की जाती है। -राजा इकबाल सिंह, नेता प्रतिपक्ष, एमसीडी

निगम और दिल्ली सरकार के डेंगू से मृत्यु के बीते तीन वर्ष के आंकड़े

       वर्ष        निगम    दिल्ली सरकार

  • 2021     23            652
  • 2022      9             401
  • 2023     19            538