केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सफदरजंग अस्पताल में अब बुजुर्गों को इलाज कराना आसान हो जाएगा। क्योंकि यहां पर अलग से जेरियाट्रिक वार्ड शुरू किया गया है। बदा दें एम्स के बाद यह दिल्ली का दूसरा अस्पताल है जहां बुजुर्गों के लिए अलग वार्ड शुरू हुआ। मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण कई बार बुजुर्ग मरीजों को अस्पताल में बेड मिलने में परेशानी होती है।
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सफदरजंग अस्पताल में बुजुर्गों के इलाज के लिए अलग से जेरियाट्रिक वार्ड शुरू किया गया है। मंगलवार को अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. वंदना तलवार ने इसका शुभारंभ किया। यह वार्ड शुरू होने से अस्पताल में पहुंचने वाले बुजुर्ग मरीजों को इलाज आसानी होगी। उन्हें अस्पताल में बेहतर इलाज मिल सकेगा।
इससे पहले नहीं था बुजुर्गों के लिए कोई वार्ड
सफदरजंग अस्पताल में पहले से जेरियाट्रिक क्लीनिक (Safdarjung Geriatric ward opened) चलता है लेकिन बुजुर्ग मरीजों के लिए अस्पताल में अलग से कोई वार्ड नहीं था। बुजुर्ग मरीज भी मेडिसिन विभाग के वार्ड में अन्य मरीजों के साथ भर्ती लिए जाते रहे हैं। मरीजों के दबाव के कारण कई बार बुजुर्ग मरीजों को अस्पताल में बेड मिलने में परेशानी होती है।
इससे उनका इलाज प्रभावित होता है। इसके मद्देनजर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के अंतर्गत ही 17 बेड का अलग जेरियाट्रिक वार्ड शुरू किया गया है, जिसमें सिर्फ बुजुर्ग मरीज भर्ती लिए जाएंगे। एम्स के बाद सफदरजंग दिल्ली का दूसरा अस्पताल है जहां इस तरह की व्यवस्था की गई है। एम्स में बुजुर्गों के इलाज के लिए 200 बेड का अगल राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र मौजूद है।
बुजुर्गों की आबादी बढ़ते लिया फैसला
सफदरजंग अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है। इस वजह से बुजुर्ग मरीजों के इलाज के लिए अलग सुविधाओं की जरूरत महसूस की जा रही है। अस्पताल के जेरियाट्रिक वार्ड में बुजुर्ग मरीजों की देखभाल के लिए दक्ष नर्सिंग कर्मचारी तैनात रहेंगे।
फिजियोरेपी, आक्यूपेशनल थिरेपी के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल की भी सुविधा है। वार्ड में इमरजेंसी काल की सुविधा दी गई है। वार्ड का फर्श इस तरह बनाया गया है जिससे मरीज का पैर फिसलने ने पाए। हैंडरेल की व्यवस्था की गई है।
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