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खानपान में गड़बड़ी और तेजी से बदलती लाइफस्टाइल लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना देती है इन्हीं समस्याओं में से एक है जो हमारी बिड़गती लाइफस्टाइल का ही नतीजा है। यह समस्या आपको रोजमर्रा के जीवन को भी काफी प्रभावित कर सकती है। ऐसे में इन टिप्स और डाइट की मदद से इसे कंट्रोल कर सकते हैं।

हम में से कई लोग हार्मोन असंतुलन से गुजरते हैं। इसके कई कारण और लक्षण हो सकते हैं। हार्मोन हेल्थ हमारे स्वस्थ जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ये काफी हद तक हमारी जीवनशैली पर निर्भर करता है, जैसे कुछ लोग लंच स्किप कर देते हैं, कोई ओवरवर्क कर रहा है, किसी की लेट नाइट स्क्रीन की आदत है, कोई ओवरथिंक कर रहा है। दैनिक जीवन में लगभग सभी की ऐसी कई आदतें होती हैं, जो हमारे शरीर के हॉर्मोन को असंतुलित करती हैं।

हार्मोनल असंतुलन होने के कुछ लक्षणों में पीरियड्स अनियमित होना, मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन महसूस होता है, थकान, मुंहासे, रात में नींद न आना, बालों का झड़ना, अपच की समस्या, हॉट फ्लैशेस, वजन बढ़ना शामिल हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि इस स्थिति को अपने पौष्टिक आहार और कुछ विशेष फूड्स की मदद से बैलेंस किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कैसी डाइट से हो सकता है हॉर्मोन बैलेंस –

हेल्दी फैट्स

ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त हेल्दी फैट को अपने आहार में शामिल करें जैसे चिया सीड्स, अखरोट, फैटी फिश आदि जिससे हार्मोन के उत्पादन की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।

हाई फाइबर फूड्स

फ्लैक्सीड्स, ब्रोकली, स्प्राउट्स, पत्तागोभी,अनाज, फल जैसे हाई फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करने से शरीर से एस्ट्रोजन वेस्ट के रूप में आसानी से निकल जाता है जिससे इसके लेवल नियंत्रित मात्रा में रहते हैं।

प्रोटीन रिच

लीन मीट, दाल, अंडे जैसे प्रोटीन रिच फूड का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल संतुलित बने रहते हैं जिससे टेस्टोस्टेरॉन जैसे हॉर्मोन बैलेंस होते हैं।

इन खास फूड्स से करें हार्मोन्स बैलेंस

  • फ्लैक्स सीड्स- पोषक तत्वों से भरपूर फ्लैक्सीड्स एस्ट्रोजन लेवल बैलेंस करता है।
  • पंपकिन सीड्स- ये जिंक से भरपूर होता है, जिससे प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन के उत्पादन को सपोर्ट करता है।
  • बादाम- ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार लाता है।
  • तिल- इसमें फाइटोएस्ट्रोजन पाया जाता है, जो एस्ट्रोजन लेवल को कंट्रोल करता है।
  • सनफ्लावर सीड्स- इसमें विटामिन और सेलेनियम मौजूद होता है, जो प्रोजेस्टेरोन और थायरॉइड हार्मोन को बैलेंस करता है।