मणिपुर में जिरीबाम में 6 लोगों का शव मिलने के बाद से हिंसा का एक और दौर शुरू हो गया। अब प्रदर्शनकारियों ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उनकी मांग है कि 24 घंटे के भीतर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो। कार्रवाई नहीं होने पर इन्होंने सरकार से जनता के गुस्से का सामना करने की बात कही है।
मणिपुर के जिरीबाम में छह लोगों का शव मिलने के बाद से हिंसा भड़क गई है। अब नागरिक समाज समूहों ने सशस्त्र उग्रवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग करते हुए राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम जारी किया है।
मणिपुर में शनिवार शाम फिर से अशांति देखी गई जब एक भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया।
सुरक्षा बलों ने छोड़े आंसू गैस के गोले
जिरीबाम जिले में छह लापता शवों की खोज के बाद गुस्से में जमा हुई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। मृतकों में एक शिशु और दो महिलाएं शामिल थीं। जिरीबाम में बराक नदी से आठ महीने के बच्चे सहित छह लोगों के शव बरामद किए गए। ये सभी लोग हिंसक झड़पों के बाद सोमवार से लापता थे, जहां सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में 10 हथियारबंद कुकी लोग मारे गए थे।
मणिपुर सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
वहीं इसको लेकर अब मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI), एक मैतेई नागरिक अधिकार समूह के प्रवक्ता का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा, ''राज्यों के सभी प्रतिनिधियों और सभी विधायकों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट को जल्द से जल्द हल करने के लिए कोई निर्णायक कदम उठाना चाहिए।'
उन्होंने आगे कहा, ''अगर वे मणिपुर के लोगों की संतुष्टि के लिए कोई निर्णय नहीं लेते हैं, तो उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। हमने सशस्त्र उग्रवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को लेकर भारत सरकार और मणिपुर सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।''
इस बीच मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों से एएफएसपीए (AFSPA) की समीक्षा करने और उसे हटाने का भी अनुरोध किया है।
उग्रवादियों ने हथियारों से किया था हमला
मणिपुर में बीते सोमवार को हिंसा का एक और दौर तब शुरू हो गया जब 11 संदिग्ध उग्रवादियों ने मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) शिविर पर अत्याधुनिक हथियारों से हमला किया। हालांकि, वे मुठभेड़ में मारे गए। इसके एक दिन बाद, उसी जिले से सशस्त्र उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राज्य में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
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