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सोनप्रयाग में गौरीकुंड हाईवे का 50 मीटर हिस्सा फिर ध्वस्त, केदारनाथ धाम के लिए बना पैदल मार्ग भी कटा

गौरीकुंड हाईवे फिर से सोनप्रयाग के पास बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि मार्ग सुचारु करने के लिए श्रमिक और मशीन लगा दी गई है। प्रयास है कि जल्द से जल्द मार्ग को तैयार कर दिया जाए लेकिन पहाड़ी से निरंतर गिर रहा मलबा और पत्थर परेशानी खड़ी कर रहे हैं।

 रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड हाईवे फिर से सोनप्रयाग के पास बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। रविवार को यहां पहाड़ी टूटने से आपदा के बाद क्षतिग्रस्त हुए हाईवे पर पैदल आवाजाही के लिए तैयार किए गए रास्ते का 50 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। इससे सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम का संपर्क फिर कट गया है। 20 दिन पहले आई आपदा में इसी स्थान पर 150 मीटर हाईवे ध्वस्त हो गया था।

राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम लगभग 10 दिन की मशक्कत के बाद यहां पैदल रास्ता तैयार कर पाई थी। केदारघाटी में पिछले कई दिन से भारी वर्षा हो रही है। इसके चलते हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। देर शाम सोनप्रयाग से लगभग एक किलोमीटर आगे गौरीकुंड की तरफ पहाड़ी टूटने से विशालकाय पत्थर और बड़ी मात्रा में मलबा क्षतिग्रस्त हाईवे पर आ गिरा। इससे यहां बनाया गया पैदल रास्ता ध्वस्त हो गया।

भूस्खलन के कारण बढ़ी दिक्कतें

इससे पहले यहां 31 जुलाई को अतिवृष्टि के दौरान हाईवे वाश आउट हो गया था। इसे दुरुस्त करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने किसी तरह पैदल चलने लायक रास्ता बनाया था, ताकि सामान लाने-ले जाने के साथ ही श्रमिक आवाजाही कर सकें। इस रास्ते से सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच पैदल यात्रा व घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई थी। अब प्रशासन हाईवे को सुचारु करने की तैयारी में था, लेकिन भूस्खलन से पैदल आवाजाही भी बंद हो गई।

राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम एक बार फिर पैदल रास्ता तैयार करने में जुट गई है।  लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि मार्ग सुचारु करने के लिए श्रमिक और मशीन लगा दी गई है। प्रयास है कि जल्द से जल्द मार्ग को तैयार कर दिया जाए, लेकिन पहाड़ी से निरंतर गिर रहा मलबा और पत्थर परेशानी खड़ी कर रहे हैं।

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