Bihar News: बिहार में ऐसा पहली बार! पटना के चारों बड़े अस्पतालों की OPD सेवाएं ठप, आज भी नहीं खुलेगा ताला
बिहार में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ राजधानी के चारों बड़े अस्पतालों की ओपीडी सेवा कई दिनों से बंद है। अस्पताल परिसर के साथ-साथ आसपास की सड़कों व बाजारों तक में शनिवार से सन्नाटा पसरा हुआ है। कोलकाता जूनियर डॉक्टर हत्याकांड के विरोध में एनएमसीएच में आठवें दिन पीएमसीएच व एम्स पटना में सातवें दिन और आइजीआइएमएस में छठवें दिन जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही।
पटना। बिहार की राजधानी पटना के चारों बड़े अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं कई दिनों से ठप हैं। सोमवार को आठवें दिन एनएमसीएच, सातवें दिन पीएमसीएच व एम्स पटना तो छठवें दिन आइजीआइएमएस में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही।
ऐसा पहली बार हुआ है जब ओपीडी सेवा बाधित होने से मरीजों की जान आफत में पड़ रही है। डॉक्टरों ने इमरजेंसी-आइसीयू सेवा को बाधित नहीं कर मानवता प्रदर्शित की लेकिन ओपीडी सेवा की अहमियत वे नहीं समझ पाए।
परिसर में भटकते सर्जरी के बाद की जटिलता, किडनी-कैंसर आदि के रोगियों या उनके स्वजन से बातें करें तो उन्ळें पता चले कि आफत उनकी भी जान पर है।
ओपीडी का ताला तक नहीं खुला
सोमवार को एम्स पटना, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच व एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों की ओपीडी का ताला तक नहीं खुला।
सुदूर जिलों से उपचार कराने आए रोगी हर आने-जाने वाले से यही पूछ रहे थे कि कल तो डॉक्टर साहब इलाज करेंगे न? उनके इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं था।
बताते चलें कि सोमवार को विभागाध्यक्षों की ओपीडी होने से अस्पतालों में सर्वाधिक भीड़ होती है। इस दिन आइजीआइएमएस में 3500, एम्स पटना में 4000, एनएमसीएच में 2500 से अधिक तो पीएमसीएच में करीब दो हजार मरीज इलाज कराने आते हैं।
इन चारों अस्पतालों में करीब 250 छोटी-बड़ी सर्जरी होती है। सोमवार को ओपीडी में तो किसी का उपचार नहीं ही हुआ पूर्व से निर्धारित 180 से अधिक सर्जरी भी नहीं हुईं।
इमरजेंसी-ट्रामा में वरिष्ठ डॉक्टरों ने 35 ऑपरेशन किए। सबसे अधिक 45 सर्जरी पीएमसीएच व 27 आइजीआइएमएस में प्रस्तावित थीं।
PMCH में इलाज कराने आए मरीज रहे परेशान
जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स पटना व एनएमसीएच की ओपीडी गेट पर ताला जड़ दिया था।
इससे सर्जरी किडनी रोग, हृदय रोग, न्यूरोलाजी व हड्डी रोग का उपचार करा रहे जो मरीज फॉलोअप के लिए निश्चित तिथि पर आए थे, वे ओपीडी के बाहर बैठे रहे।
कई मरीजों को स्वजन स्ट्रेचर पर लेकर घूमते रहे। ओपीडी की जगह इमरजेंसी में भी जाकर गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया।
इलाज कराने आए मरीजों ने बयां किया दर्द
पीएमसीएच आए मुजफ्फरपुर के सरोज कुमार ने बताया कि नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉ. हर्षवर्धन कुमार ने आज बुलाया था, लेकिन हड़ताल के कारण अब वापस जा रहा हूं।
न्यूरोलॉजी विभाग में उपचार कराने पहुंचे संजय सिंह, अर्चना ने बताया कि अब दवा बंद होने से पूरा इलाज बेकार हो जाएगा, डॉक्टर साहब ने दवा बंद नहीं करने को कहा था।
आइजीआइएमएस में अररिया से आई कविता ने कहा कि एक बार आने में हजार रुपये लगता है, इसलिए यही डेरा डाले हैं जब खुलेगा तब इलाज कराकर ही जाएंगे। किडनी का रोग है इसमें कोताही नहीं कर सकते हैं।
पूर्णिया से सुमेश्वर ठाकुर ने कहा कि पत्नी को दिखने आया था पर ओपीडी बंद है। इतनी दूर इस उम्र में बार-बार सफर करने से बेहतर हैं यहीं पड़े रहें।
औरंगाबाद के बुधेश्वर यादव ने बताया कि पुत्र के पैर में तेज दर्द रहता है, हम आठ दिन से यहां इंतजार कर रहे हैं। पूनम ने कहा कि 15 दिन पहले गाल ब्लैडर का ऑपरेशन हुआ था और परेशानी बनी हुई है। ओपीडी में डॉक्टर साहब ने बुलाया था पर हड़ताल बता कोई देख तक नहीं रहा।
NMCH अधीक्षक OPD शुरू कराने को कर रहे वार्ता
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कोलकाता की शर्मनाक घटना से हम सब दुखी है, लेकिन रोगियों का उपचार हो इसलिए रेजिडेंट डॉक्टरों से बात कर ओपीडी खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्हें सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं, इसकी भी जानकारी दी गई है। सोमवार को आठवें दिन ओपीडी सेवा बंद रही व एक भी ऑपरेशन नहीं हुआ।
आज भी बंद रहेगी ओपीडी, नहीं होंगे ऑपरेशन
पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स पटना व एनएमसीएच के जूनियर रेजिडेंट की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। ऐसे में मंगलवार को भी न तो ओपीडी चलेगी और न ही पूर्व से निर्धारित सर्जरी हाेंगी। सोमवार को दिन भर रेजिडेंट डॉक्टर धरना देने के साथ वरिष्ठ डॉक्टरों से संबोधन करा उनका समर्थन लेते दिखे।
आइजीआइएमएस व पीएमसीएच के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कैंडल मार्च निकाल न्याय की मांग की।
पीएमसीएच जेडीए के अध्यक्ष डॉ. अंशू ने बताया कि मंगलवार को इमरजेंसी छोड़ ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर व वार्डों में जूनियर डॉक्टर कार्य नहीं करेंगे।
आइजीआइएमएस आरडीए के अध्यक्ष डॉ. रजत कुमार ने कहा कि जब तक प्रशासन लिखित में सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का आश्वासन नहीं देते, हड़ताल जारी रहेगी।
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