कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। देशभर के डॉक्टर पिछले आठ दिनों अपने साथी को न्याय दिलाने और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए आंदोलन और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने एक विवादित बयान दिया है।
पटना। कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। देशभर के डॉक्टर पिछले आठ दिनों से अपने साथी को न्याय दिलाने और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए आंदोलन और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
बिहार की बात करें तो पटना के चारों बड़े अस्पतालों एम्स पटना, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच-एनएमसीएच के डॉक्टर पिछले एक हफ्ते से हड़ताल पर हैं। राज्य के अधिकांश अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
पिछले एक हफ्ते से ओपीडी सेवाएं बंद हैं। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं बहाल हैं। वरिष्ठ डॉक्टर इमरेंजसी-ट्रामा में आपातकालीन ऑपरेशन कर रहे हैं।
पप्पू यादव ने दिया विवादित बयान
इस बीच, पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने डॉक्टरों की हड़ताल पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया, "डॉक्टरों ने हड़ताल करके 12 लोगों को जान से मार डाला। इस नरसंहार का जिम्मेदारी कौन है?"
पप्पू यादव ने सवाल किया, "अगर कोलकाता सामूहिक दुष्कर्म में डॉक्टर ही शामिल पाए गए, तो क्या सारे डॉक्टर उस रेप की ज़िम्मेदारी लेंगे?"
उन्होंने सवाल किया "जहां भी डॉक्टर दुष्कर्मी होता है, वहां इसी डॉक्टर समाज को सांप क्यों सूंघ जाता है?"
IMA ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
पप्पू यादव के इस बयान की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार शाखा ने घोर निंदा की है। आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह व संयोजक डॉ. अजय कुमार ने कहा कि अगर सामूहिक दुष्कर्म में डॉक्टर दोषी पाए गए तो, आंदोलन कर रहे डॉक्टर इसकी जिम्मेदारी लेंगे।
डॉ. अजय कुमार ने कहा कि पप्पू यादव अगर माफी नहीं मांगेंगे, तो आइएमए उनके खिलाफ मोर्चा खोलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर की गई है।
क्या है डॉक्टरों की मांग
डॉक्टरों की मांग है कि कोलकाता मर्डर केस में हत्यारे को सख्त से सख्त सजा मिले। डॉक्टर हत्यारे को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने, हर अस्पताल में डॉक्टरों के लिए मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
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