दिल्ली में दागी कर्मियों को जबरन किया जाएगा रिटायर, सभी विभागों को निर्देश जारी
दिल्ली में भ्रष्ट कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों पर कार्रवाई तेज कर दी है। इस संबंध में सेवा विभाग ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने के लिए जानकारी मांगी गई है। निर्देश में कहा गया है कि इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश पहले से ही सेवा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। सेवा विभाग ने इस बारे में सभी विभागों को निर्देश जारी किया है।
सेवा विभाग ने प्रासंगिक प्रविधानों के तहत ऐसे कर्मचारियों की पहचान की जाए और उनके मामले निर्देशों के अनुसार विधिवत गठित समीक्षा समिति के समक्ष विचार के लिए शीघ्र प्रस्तुत किए जाए।
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों की ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए तंत्र की समीक्षा, प्रशासन को मजबूत करने के लिए एफआर -56 (जे)) और सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के नियम 42 के तहत आवधिक समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है, जिसे पहले नियम 48 के रूप में जाना जाता था।
27 जून जारी किया गया था ऑफिस ऑर्डर
निर्देश में कहा गया है कि इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश पहले से ही सेवा विभाग की वेबसाइट और http://dopt.gov.in पर उपलब्ध हैं। डीओपीडी (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग- भारत सरकार) ने इस विषय पर गत 27 जून एक ऑफिस ऑर्डर जारी किया है, जिसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों की आवधिक समीक्षा पर व्यापक निर्देश शामिल हैं।
जिसके तहत दिल्ली सरकार के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व विभागाध्यक्षों व निगमों, बोर्डों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकायों के प्रमुखों से अनुरोध किया गया है कि अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करने वाले डीएएस/स्टेनो कैडर अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में संलग्न प्रोफार्मा में विवरण प्रस्तुत करें, जो एफआर 56 के तहत आवधिक समीक्षा के संबंध में डीओपीटी द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अंतर्गत आते हैं।
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