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नवरात्रि 2024 Day 2: नवरात्र के दूसरे दिन दुर्लभ 'शिववास' योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग

धार्मिक मत है कि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साधक नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की भक्ति भाव से पूजा करते हैं। इस अवसर पर नवरात्र के नौ दिन विशेष उपाय भी किए जाते हैं।

साल में सिर्फ नौ दिन खुलता है मां दुर्गा का यह प्राचीन मंदिर, देवी की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त

देश में मां दुर्गा के कई प्रचीन और एतिहासिक मंदिर है जिनका अपना अलग महत्व होता है। आज से देशभर में शर्दिया नवरात्रि 2024 का त्योहार मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर लोग देवी मां के मंदिरों में उनके दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में आज जानेंगे ओडिशा के एक प्राचीन मंदिर के बारे में जो साल में सिर्फ 9 दिन नवरात्र में ही खुलता है।

दशहरा 2024: कब मनाया जाएगा दशहरा? नोट करें पूजा का समय और नियम

दशहरा का पर्व बेहद खास माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस दिन लोग रावण दहन भी करते हैं। यह उत्सव पाप पर धार्मिकता की विजय का प्रतिनिधित्व करता है। इस बार यह पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

शारदीय नवरात्रि 2024 Day 1: शारदीय नवरात्र के पहले दिन करें इस स्तोत्र का पाठ, जीवन में आएगी समृद्धि

शारदीय नवरात्र पर देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा होती है। मान्यताओं के अनुसार जो लोग इस दौरान कठिन व्रत का पालन करते हैं और माता रानी की भक्ति भाव के साथ पूजा करते हैं उन्हें जीवन में कभी परेशान नहीं होना पड़ता है। इसके साथ ही घर में शुभता का आगमन होता है तो चलिए इसके प्रथम दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।

नवरात्रि 2024 पूजा: इस आरती के बिना अधूरी है मां शैलपुत्री की पूजा, प्राप्त होगा पूजा का पूर्ण फल

शारदीय नवरात्र के पर्व को जीवन के दुख और संकट को दूर करने के लिए उत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र का शुभारंभ आज यानी 03 अक्टूबर से हो गया है। वहीं इस पर्व का समापन 11 अक्टूबर को होगा। शारदीय नवरात्र की पूजा मां दुर्गा की आरती के बिना अधूरी मानी जाती है।

पितृमावस्था के उपलक्ष में सर्वधर्म सेवा समिति ने कराया विसर्जन एवं पितृ भोज

बरेली/कछला घाट,:- आज सर्वधर्म सेवा समिति के तत्वाधान में संस्थापक सचिव प्रवीण उपाध्याय एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष पुनीत जौहरी एडवोकेट संरक्षक ज्ञानेश साहू के नेतृत्व में आज पितृ अमावस्या के उपलक्ष में काफी समय से रखी लावारिस अस्थि विसर्जन एवं पितृ भोज कार्यक्रम गंगा कछला घाट पर पूर्ण आस्था के साथ संपन्न हुआ जिसमें हमारे सहयोगी चंद्रपाल, पंडित पप्पू शर्मा, राकेश कुमार शर्मा, आदित्य शंखधार, द्वारिका प्रसाद ,मेवाराम, सोमपाल, ऋषभ रस्तोगी, मुरारी आदीजन मौजूद रहे संस्था के संस्थापक सचिव प्रवीण उपाध्याय ने कहा विसर्जन एवं पितृ भोज कार्यक्रम हम सब पिछले 7 वर्षों से करते चले आ रहे हैं अगले वर्ष सिटी शमशान

शर्दिया नवरात्रि में मां दुर्गा को रोजाना अर्पित करें ये प्रिय फूल, चमक जाएगी आपकी फूटी किस्मत

आश्विन माह में शारदीय नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 03 अक्टूबर से होगा। वहीं इस त्योहार का समापन 11 अक्टूबर को होगा। इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में आप रोजाना पूजा थाली में तरह-तरह के फूलों को शामिल करें। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होंगी।

मुस्लिम भक्त ने रखी थी मां दुर्गा के इस मंदिर की नींव, सच्चे मन से मांगी मुराद होती है पूरी; दिलचस्‍प कहानी

नवरात्रि 2024 मां दुर्गा के इस मंदिर की नींव एक मुस्लिम भक्त ने रखी थी। मंदिर की गुफा में आज भी माता की अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित होती रहती है। मंदिर में मां की शक्ति रूप की पूजा होती है। नवरात्रों के पर्व पर मंदिर में माता के भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। यह मंदिर नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य बारह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

कोटद्वार। नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य बारह किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुर्गा देवी मंदिर की नींव मां के एक मुस्लिम भक्त ने रखी थी।

सूर्य ग्रहण 2024: घटस्थापना से पहले करें इन चीजों का दान, नहीं पड़ेगा सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव

हिंदू धर्म में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण की अवधि में कई सावधानियां रखनी होती हैं ताकि व्यक्ति इसके बुरे प्रभावों से बचा रहे। ऐसे में आज यानी बुधवार 02 अक्टूबर के दिन साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दर्शनीय नहीं होगा ऐसे में इसका सूतक काल भी भारत मान्य नहीं होगा।

दिवाली 2024: दिवाली की डेट को लेकर न हों कन्फयूज, जानें कब है धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भाई दूज

हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दिवाली मनाई जाती है। इस पर्व को भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष दिवाली की डेट को लेकर लोग कन्फयूज हो रहे हैं। ऐसे में इस लेख में हम आपको बताएंगे धनतेरस दिवाली गोवर्धन पूजा और भाई दूज की सही डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

दिवाली के शुभ अवसर पर देशभर में खास रौनक देखने को मिलती है। इस पर्व के आने का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस त्योहार को भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण 14 साल का वनवास बिताने के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है।