मंगलवार को इस विधि से करें हनुमान जी की आरती, सभी मुरादें होंगी पूरी
सनातन धर्म में मंगवलार का दिन जीवन के संकटों को दूर और जीवन को खुशहाल बनाने के लिए उत्तम माना जाता है क्योंकि मंगवलार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि सच्चे मन से उपासना करने से जीवन के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और परिवार के सदस्यों को बजरंगबली की अपार कृपा प्राप्त होती है।
सर्वपितृ अमावस्या 2024: आ गया है पितरों के विदा होने का समय, इस कार्यों से तृप्त होकर लौटेंगे पितृलोक
इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से हुई थी जिसका समापन 02 अक्टूबर को होने जा रहा है। ऐसे में पितृ पक्ष का आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का भी आखिरी मौका है। ऐसे में इस दिन पितरों को विदाई देते समय ये कार्य जरूर करने चाहिए।
मंगलवार को पूजा के दौरान करें हनुमत बीसा का पाठ, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात
सनातन शास्त्रों में निहित है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की भेंट मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम से हुई थी। इसके लिए मंगलवार का दिन हनुमान जी को प्रिय है। इस दिन साधक राम परिवार संग हनुमान जी की विशेष पूजा करते हैं। बजरंगबली की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।
Solar Eclipses 2025: अगले साल कब-कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें भारत में दिखेगा या नहीं
आश्विन माह की अमावस्या को उत्तम माना जाता है क्योंकि यह तिथि पितृ पक्ष के अंतिम दिन पड़ती है। इसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों को विधिपूर्वक विदा जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। इस बार अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगेगा। चलिए जानते हैं इसके बाद अगला सूर्य ग्रहण कब है?
हनुमान मंत्र: हनुमान जी की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
धार्मिक मत है कि राम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है। इसके लिए साधक भक्ति भाव से मंगलवार के दिन रामजी के परम भक्त हनुमान जी पूजा करते हैं। इसके साथ ही मंगलवार का दिन व्रत रखा जाता है।
तुलसी विवाह 2024: नवंबर महीने में कब है तुलसी विवाह? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
सनातन धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग सुख-समृद्धि की देवी तुलसी माता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही तुलसी विवाह किया जाता है। धार्मिक मत है कि तुलसी माता की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मासिक शिवरात्रि 2024: मासिक शिवरात्रि पर आजमाएं चमत्कारी उपाय, जल्द लेंगे सात फेरे
मासिक शिवरात्रि का खास महत्व है। हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महेदव की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। साथ ही व्रत पारण करने के बाद विशेष चीजों का दान जरूर करना चाहिए। इन कार्यों को करने से जातक को करियर में सफलता प्राप्त होती है।
सर्वधर्म सेवा समिति पितृ अमावस्या के उपलक्ष में पितॄरों को समर्पित पितृ भोज करवाएगी
(पितॄरों की पुकार, हमें 56 भोग नहीं मोक्ष चाहिए)
पितृ अमावस्या के उपलक्ष में पितॄरों को समर्पित पितृ भोज
बरेली:- सर्वधर्म सेवा समिति के तत्वाधान में संस्थापक सचिव प्रवीण उपाध्याय, संरक्षक ज्ञानेश साहू, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पुनीत जौहरी एडवोकेट के नेतृत्व में हर वर्ष पूर्ण आस्था के साथ विद्वान पंडितो द्वारा अज्ञात अस्थियों का गंगा घाट पर विसर्जन कर ब्रह्म भोज कराया जाता है
करवा चौथ 2024: करवा चौथ के चांद का कितना करना होगा इंतजार? अभी से नोट कर लें पूजन और चंद्रोदय समय
करवा चौथ का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। इस पावन दिन पर सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए कठिन व्रत का पालन करती हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इसका पालन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में प्यार बढ़ता है।
सर्व पितृ अमावस्या 2024: अगर पितृ पक्ष में नहीं किया है तर्पण, तो सर्वपितृ अमावस्या पर ऐसे करें पितरों को प्रसन्न
हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। वहीं इसका समापन आश्विन माह की अमावस्या तिथि पर होता है। पितृ पक्ष का आखिरी दिन सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितरों की पूजा-अर्चना करने से सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।