आश्विन माह में शारदीय नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 03 अक्टूबर से होगा। वहीं इस त्योहार का समापन 11 अक्टूबर को होगा। इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में आप रोजाना पूजा थाली में तरह-तरह के फूलों को शामिल करें। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होंगी।
अश्विन माह की अमावस्या पर पितृ पक्ष के समापन के बाद मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। इस उत्सव के आने का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना और मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चन की जाती है। साथ ही माता रानी को सोलह श्रृंगार और प्रिय फूल समेत आदि चीजें अर्पित की जाती है। मान्यता है कि मां दुर्गा को इन चीजों को चढ़ाने से घर में सुख-शांति का वास होता है। साथ ही जातक को मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस दिन मां दुर्गा के किस स्वरूप को कौन सा फूल अर्पित करना चाहिए?
पहला दिन
शारदीय नवरात्र का प्रथम दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री को गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर का फूल प्रिय हैं। इन्हें पूजा में शामिल करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
दूसरा दिन
शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान है। मां ब्रह्मचारिणी को वट वृक्ष के फूल को चढ़ाना शुभ माना जाता है। इससे जातक को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तीसरा दिन
शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा पूजा के लिए शुभ माना जाता है। मां चंद्रघंटा को कमल का फूल प्रिय है। इस फूल को पूजा में शामिल करने से जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
चौथा दिन
मां कुष्मांडा को चौथा दिन समर्पित है। मां कुष्मांडा को पीले रंग के फूल और चमेली के फूल चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।
पांचवा दिन
पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। मां स्कंदमाता की पूजा में पीले रंग के फूल शामिल किए जाते हैं। ऐसा करने से साधक को सुख-सम्पन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
छठा दिन
मां कात्यायनी को गेंदे का फूल प्रिय है। मां कात्यायनी की पूजा छठवें दिन की जाती है। मां कात्यायनी को गेंदे का फूल जरूर अर्पित करने चाहिए।
सातवां दिन
शारदीय नवरात्र का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। मां कालरात्रि की पूजा में नीले रंग के फूल शामिल करने चाहिए।
आंठवा दिन
मां महागौरी की आठवें दिन पूजा-अर्चना करने का विधान है। मां महागौरी को मोगरे का फूल अति प्रिय है। इस दिन पूजा में मोगरे के फूल शामिल करना उत्तम माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
नौवां दिन
नौवां यानी अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। मां सिद्धिदात्री को चंपा और गुड़हल के फूल अर्पित करने से पूजा सफल होती है।
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