दशहरा का पर्व बेहद खास माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस दिन लोग रावण दहन भी करते हैं। यह उत्सव पाप पर धार्मिकता की विजय का प्रतिनिधित्व करता है। इस बार यह पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दशहरा का पर्व अपने आप में बहुत खास होता है। इसे लोग विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह त्योहार रावण पर भगवान राम की जीत की याद में मनाया जाता है। इसके साथ ही इसी दिन राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा ने विजय प्राप्त की थी। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस मौके पर प्रभु राम की पूजा करते हैं और धार्मिक कार्यों से जुड़े रहते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।
दशहरा पूजन नियम
- इस दिन लोग भगवान राम और मां दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं।
- इस दिन राम जी को उनके प्रिय भोग को अर्पित करना चाहिए।
- इस दिन लोग अपने शास्त्रों की पूजा भी करते हैं।
- इस मौके पर लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को जलाते हैं।
- इस शुभ अवसर पर जगह-जगह रामलीला का भी आयोजन किया जाता है।
- कई समुदाय शानदार रामायण प्रदर्शन का मंचन करते हैं।
- इस मौके पर लोग मां दुर्गा की प्रार्थना और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।
- इस दिन मां दुर्गा की मूर्तियों को पवित्र नदियों में विसर्जित किया जाता है।
दशहरा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वहीं, इस दिन की पूजा दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक के बीच होगी।
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