भाजपा के मुस्लिम नेता ने अजमेर दरगाह को लेकर दाखिल याचिका का विरोध किया है और इसे भारतीयों की आस्था पर हमला बताया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेर की दरगाह पर विवाद खड़ा करना देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खुद यहां पर चादर भेजते हैं।
अजमेर। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेर की दरगाह पर विवाद खड़ा करना देश हित में नहीं है। यह देश की तरक्की के खिलाफ दुश्मनों की साज़िश हैं। अजमेर दरगाह पर सवाल उठा कर ये नफरत पसंद लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के 140 करोड़ भारतीय की आस्था पर हमला कर रहे हैं। आगामी 20 तारीख को अदालत इस वाद को खारिज कर नफरत फैलाने वाले याचिकाकर्ता को मुंह तोड़ जवाब देगी
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीक़ी अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनिद्दीन चिश्ती की दरगाह जियारत कर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास की जब बात करते हैं तो हर धर्म और संप्रदाय के लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं से मिलने वाला लाभ उनके इस नारे को चरितार्थ करता है।
'हर धर्म के लोगों की आस्था'
उन्होंने कहा कि अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से पूरे विश्व में मानवता और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश जाता है। यह मिसाल है, यहां हर धर्म के लोगों की आस्था है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख़ुद ख्वाजा साहब के उर्स में पिछले दस वर्ष से लगातार चादर भेज रहे हैं। पिछले दो वर्ष से तो वे स्वयं ही चादर लेकर आ रहे हैं। उन्होंने खुद देखा है कि प्रधानमंत्री अपनी ओर से भेजी चादर के पैसे तक खुद देते हैं। उनकी इतनी श्रद्धा है ख्वाजा गरीब नवाज़ के लिए। जमाल सिद्दीकी ने कहा कि इस दरगाह पर विवाद खड़ा करना देश हित में बिल्कुल नहीं है।
उन्होंने अदालत में वाद दायर करने वाले राष्ट्रीय हिन्दू सेना के विष्णु गुप्ता को आपराधिक प्रवृति का व्यक्ति बताते हुए कहा कि यह उनके द्वारा एक निजी वाद दायर किया गया है। अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष हमीद मेवाती, डॉ असलम ख़ान सूफी संवाद प्रभारी, कमाल बाबर ख़ान सह प्रभारी सूफ़ी अभियान का भी शहर अध्यक्ष शफीक ख़ान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अजमेर में माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। सूफी संवाद अभियान के राष्ट्रीय सह प्रभारी सैयद अफ़शान चिश्ती के नेतृत्व में 50 किलो की माला पहनाई गई।
सिद्दीकी ने दरगाह पर चढ़ाया चादर
दरगाह पहुंचने पर सिद्दीकी ने जहां ख्वाजा साहब किं दरगाह में अकीदत के फूल और चादर पेश किए। मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी। सूफी संवाद के राष्ट्रीय सह प्रभारी गद्दीनशीन सैयद अफ़शान चिश्ती ने उन्हें ज़ियारत करवायी और दुआ ख़ैर की। उसके पश्चात अंजुमन अंजुमन द्वारा उनका और सभी अतिथियों का इस्तक़बाल किया गया। अंजुमन से उपाध्यक्ष हाजी सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती, उपाध्यक्ष सैयद हसन हाशमी, सदस्य सैयद असलम हुसैन ने इस्तक़बाल किया एवं अजमेर दरगाह को लेकर चल रहे विवाद पर सिद्दीक़ी ने कहा सरकार इस मामले में आप लोगों के साथ है। आपकी समस्याओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाएंगे।
उसके पश्चात नाज़िम कार्यालय में दरगाह कमेटी द्वारा सभी का इस्तकबाल किया गया। नाजिम नदीम अहमद ने जमाल सिद्दीकी सहित साथ आये सभी का इस्तकबाल किया। शाम को अजमेर ग्लोबल सूफी फाउंडेशन के निदेशक सूफी सैयद रियाजुद्दीन चिश्ती ने जमाल सिद्दीकी से मुलाकात की एवं अपने खयालात का इज़हार किया, जहां सूफियो ने जमाल सिद्दीक़ी, उनके साथ आये डॉ असलम ख़ान, कमाल बाबर का इस्तक़बाल किया।
ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर डॉ असलम ख़ान सूफी संवाद अभियान राष्ट्रीय प्रभारी, सैयद अफशांन चिश्ती राष्ट्रीय सह प्रभारी सूफी संवाद, प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा हमीद मेवाती, प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी, मुराद शैख़, जंगबहादुर पठान, शफीक ख़ान, ग़ुलाम मुस्तफ़ा क़ुरैशी, सैयद मेहराज चिश्ती, सैयद सादिक़ अली, अलीम शैख़, अब्बास अली, गुलाम मुस्तफा कुरैशी, तेजपाल सहनी, इरशाद भाई शामिल थे।
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