
Zee5 पर रिलीज कर दिया गया है। फिल्म की कहानी और स्टार कास्ट की एक्टिंग किस तरह से आपका दिल जीतेगी उसके लिए लव सितारा का मूवी रिव्यू आपको जरूर पढ़ना चाहिए। आइए एक नजर लव सितारा के फुल रिव्यू पर डालते हैं।
ओटीटी पर फिल्मों की रिलीज का सिलसिला काफी तेजी से बढ़ चुका है। इस ट्रेंड में अब नई मूवी लव सितारा रिलीज हुई है, जिसका इंतजार फैंस लंबे समय से कर रहे थे। ऐसे में आइए जानते हैं कि शोभिता धुलिपाल स्टारर ये फिल्म कैसी है।
कैसी है लव सितारा की कहानी
खुशी सच्चाई में मिलती है और सच्चाई को एक्सेप्ट (अपनाना) करना इस दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। पहले झूठ फिर सच के रास्ते से गुजरते हुए खुशी तक पहुंचने के बीच फिल्म लव, सितारा की कहानी गढ़ी गई है। पेशे से इंटीरियर डिजाइनर सितारा (शोभिता धुलिपाला) को एक दिन पता चलता है कि वह गर्भवती है। वह अपने ब्वॉयफ्रेंड अर्जुन (राजीव सिद्धार्थ) से कहती है कि उसे शादी करनी है।
जब अर्जुन ने तीन साल पहले सितारा से शादी के लिए कहा था, तो उसने मनाकर दिया था। लेकिन अब सितारा शादी की जल्दबाजी में है। गर्भवती होने की बात वह अर्जुन को नहीं बताती है। अपनी अमुम्मा यानी नानी (बी जयश्री) के घर वह शादी करना चाहती है, जहां उसका बचपन बीता है। सितारा के मां लता (वर्जीनिया राड्रिग्स), पिता गोविंद (संजय भूटियानी) और मौसी हेमा (सोनाली कुलकर्णी) शादी में पहुंचते हैं। सितारा को वहां एक पुरानी तस्वीर मिलती है, जिससे उसे अपनी मौसी और पिता के बीच संबंधों के बारे में पता चलता है।
सितारा का अपना भी एक सच है, जो उसने अर्जुन से छुपाया है। एक झूठ रिश्तों में क्या बदल सकता है, विवाहेत्तर संबंधों की उलझने, छोटी बहन की सुंदरता से बड़ी बहन की जिंदगी पर असर, अमुम्मा का अपनी बेटियों के साथ सख्ती का कारण जैसे कई मुद्दों को जिंदगी से जोड़ा गया है।
बाकी फिल्मों से हटकर है स्टोरी
एक बात जो इस फिल्म को बाकी पारिवारिक कहानियों से अलग बनाती है, वह यह है कि शुरुआत में ही बता दिया गया है कि यह परिवार नाखुश है और खुश होने का दिखावा कर रहा है। कहीं से भी नहीं लगता है कि यह वंदना की पहली निर्देशित फिल्म है
कई फिल्मों की प्रोडक्शन डिजाइनर रह चुकी वंदना का अनुभव हर फ्रेम में दिखाई देता है। उन्होंने हर पात्र का ख्याल रखा है। हालांकि इस फिल्म के प्रोडक्शन डिजाइन की कमान उन्होंने मेघना गांधी और नताशा गौबा को सौंपी है, जिन्होंने बेहतरीन काम किया है।
लव सितारा का क्या है मतलब
शीर्षक में लव के बाद अल्पविराम है, फिर सितारा लिखा है। जैसे पत्र के अंत में अपना नाम लिखा गया हो। फिल्म की कहानी भी किसी पत्र की तरह धीरे-धीरे खुलती है। शुरू में हालचाल बताते हुए फिर परतें खुलती हैं। इसके लेखकों सोनिया बहल, वंदना, हुसैन दलाल और अब्बास दलाल ने कहानी को बेहद ही साधारण परिवेश में रखा है। तीन पीढ़ियों की महिलाएं जो बाहर से सामान्य दिखती हैं, लेकिन भीतर से पूरी तरह से बिखरी हुई हैं, उनकी जिदंगी को बखूबी बिना किसी शोर-शराबे और चीख-पुकार के दिखाया गया है।
कुछ चीजें खटकती भी हैं, जैसे अमुम्मा बिन ब्याही गर्भवती अपनी नातिन की दिक्कतों को समझ रही है, लेकिन अपनी बेटी के विवाहेत्तर संबंध को लेकर नाराज है। आधुनिक सोच की झलक यहां हालात के अनुसार बदल जाती है। तीनों पीढ़ी की महिलाओं को लेकर परतें एक साख खुलने की बजाय अगर शुरुआती दौर से ही एक-एक कर खुलती, तो दिलचस्पी बनी रहती। सितारा के दोस्तों का प्रसंग कहानी में कुछ शामिल नहीं करता है।
स्टार कास्ट की एक्टिंग
शोभिता धुलिपाला प्रमुख भूमिका में फिल्म को अपने कंधों पर संभालती हैं। सितारा की कशमकश को शोभिता ने बखूबी समझा है। अमुम्मा के रोल में बी जयश्री, मां के रोल में वर्जीनिया राड्रिग्स और मौसी बनी सोनाली कुलकर्णी प्रभावशाली लगी हैं। फिल्म की अभिनेत्रियों को राजीव सिद्धार्थ और सितारा के पिता बने संजय भूटियानी का अच्छा साथ मिला है। फिल्म के गाने ऐसे नहीं जो याद रह जाएं, लेकिन सिनेमैटोग्राफी जरूर बांधे रखेंगी।
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