CG News: डिजिटलीकरण की ओर साय सरकार, रजिस्ट्री से लेकर मंत्रालय का काम भी होगा ऑनलाइन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। लगभग सभी सरकारी कार्यालयों के काम-काज में पारदर्शिता व तेजी लाने के लिए डिजिटल तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। बजट में सभी विभागों में आइटी के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक उपकरण एवं आधुनिक साफ्टवेयर आदि की व्यवस्था के लिए 266 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।
रायपुर:- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। लगभग सभी सरकारी कार्यालयों के काम-काज में पारदर्शिता व तेजी लाने के लिए डिजिटल तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। अब ई-फाइल तकनीक से मंत्रालय में सभी नोटशीट ऑनलाइन लिखी और भेजी जाएगी।
साथ ही फाइलों के आदान-प्रदान में भी तेजी आएगी। मंत्रालय में किस स्तर पर कितने दिनों से फाइल रुकी हुई है, इसकी जानकारी भी तत्काल प्राप्त हो जाएगी। इसी प्रक्रिया के तहत 15 अगस्त से मंत्रालय में ई-ऑफिस के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया है
आफिस का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंत्रालय में बीते दिनों ई-आफिस के क्रियान्वयन की समीक्षा की। एनआइसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने मंत्रालय में ई-आफिस प्रक्रिया का प्रस्तुतिकरण दिया। इस मौके पर मंत्रालय के सभी विभागों के सचिव मौजूद थे।
ई-आफिस के अंतर्गत ई-फाइल मेनेजमेंट सिस्टम, ई-फाइल प्रोसेस, एपीआइ यूनिट डेटा डिस्प्ले, इंम्पिलिमेंट ई-आफिस, ई-फाइल एमआइएस रिपोर्ट सहित ई-आफिस की अन्य गतिविधियां संचालित होगी। 15 अगस्त से मंत्रालय में ई-आफिस का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
ई-गवर्नेंस में माडल राज्य बनेगा
राज्य की भाजपा सरकार ने हर विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व आइटी को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। सरकार की मंशा है कि छत्तीसगढ़ ई-गवर्नेंस की दृष्टि से माडल राज्य बने। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में सभी विभागों में आइटी के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक उपकरण एवं आधुनिक साफ्टवेयर आदि की व्यवस्था के लिए 266 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।
सभी निकायों में बजट अकाउटिंग मॉड्यूल
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में ई-गवर्नेन्स के तहत बजट एंड अकाउंटिंग माड्यूल स्थापित किया जाएगा। 47 नगरीय निकायों में प्रापर्टी सर्वे के लिए जीआइएस आधारित साफ्टवेयर निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इससे प्रापर्टी टैक्स की प्राप्तियों में पारदर्शिता आएगी। इन कार्यों के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। विभागवार महत्वपूर्ण अभिलेखों को डिजिटल रूप में तैयार करके छत्तीसगढ़ वेब अभिलेखागार आम लोगों की सुविधा के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
यह महत्वपूर्ण प्रयास भी
1. भारत नेट परियोजना के तहत राज्य की 9,804 ग्राम पंचायतों को आप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जा चुका है।
2. ग्रामीण क्षेत्रों में वाइ-फाइ के माध्यम से हाट-स्पाट स्थापित कर प्रदेश भर में इंटरनेट की पहुंच बढ़ाई जाएगी।
3. प्रथम चरण में 1,000 ग्राम पंचायतों में वाइ फाइ की सुविधा के लिए पीएम वाणी परियोजना अंतर्गत 37 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
4. शासन के विभिन्न विभागों द्वारा उपयोग किए जा रहे ई-परिसंपत्ति, मोबाइल एप, एवं वेबसाइट की साइबर सुरक्षा के लिए आवश्यक जांच एवं सर्टिफिकेशन की व्यवस्था की जाएगी।
5. कर प्रशासन में मजबूती एवं पारदर्शिता लाने के लिए सभी विभागों में आइटी टूल्स की सहायता ली जाएगी।
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