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पहलगाम में मारे गए बंगाल के तीनों लोगों के घरों में छाया है मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
पश्चिम बंगाल से भी तीन परिवार अन्य लोगों के साथ पहलगाम गए थे, जिनकी हत्या कर दी गई। यात्रा का आनंद आंसुओं में बदल गया। तीनों परिवारों में मातम छाया हुआ है। मारे गए तीन लोगों में से दो कोलकाता के हैं, जबकि तीसरे पुरुलिया के झालदा के निवासी हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अब सभी परिजनों को शवों का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
बुधवार को लौटना था समीर को अब ताबूत में लौटेंगे
केंद्र सरकार के कर्मचारी समीर गुहा कोलकाता के बेहाला के साखेरबाजार के निवासी हैं। कुछ दिन पहले वह अपने परिवार के साथ कश्मीर की यात्रा पर गए थे। उन्हें बुधवार को लौटना था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। समीर की पत्नी शबरी अब अपने पति को ताबूत में लेकर लौटेंगी। उनकी पत्नी ने रोते हुए बताया, अचानक कुछ लोगों ने हमें घेर लिया। सभी के चेहरों पर मास्क थे। उन्होंने तुरंत हम सभी को जमीन पर लेटने को कहा। हर किसी के हाथ में बंदूक थी। हम डर के मारे लेट गए। फिर आतंकवादियों ने मेरे पति और एक अन्य व्यक्ति को चुन-चुनकर गोली मार दी। बुधवार को समीर के साखेरबाजार घर में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
एक घंटे में मातम में बदली खुशियां
फ्लोरिडा में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले बितान अधिकारी 8 अप्रैल को पत्नी सोहिनी और अपने तीन वर्षीय बेटे हिरदान के साथ कोलकाता के वैष्णवघाटा पाटुली स्थित अपने घर आए थे। उनके आने से घर में खुशियों का माहौल था। 16 अप्रैल को बितान पत्नी और बच्चे के साथ कश्मीर घूमने निकले थे। उन्होंने परिजनों को घटना से करीब एक घंटे पहले पहलगाम जाने की बात बताई थी। लेकिन एक घंटे बाद सब कुछ बदल गया। सोहिनी ने बताया कि मेरे माथे पर सिंदूर देखा और मेरे पति को गोली मार दी। अब उनके पाटुली स्थित उनके घर में मातम पसरा हुआ है।
आईबी में सेवा दे चुके मनीष की भी कर दी गई हत्या
मंगलवार को बंगाल के जिन तीन लोगों की पहलगाम में आतंकवादियों ने हत्या कर दी, उनमें केंद्रीय खुफिया एजेंसी (आईबी) मे सेवा दे चुके पुरुलिया के झालदा निवासी मनीष रंजन मिश्रा भी थे। हालांकि, काम के सिलसिले में वे इस समय हैदराबाद में रह रहे थे। हाल ही में रांची से उनका स्थानांतरण हैदराबाद हुआ था। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, मनीष रंजन पहले 15 अप्रैल को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ हैदराबाद से अयोध्या गए। वहां से वे और उनका परिवार हरिद्वार होते हुए कश्मीर के पहलगाम पहुंचा। योजना पहलगाम से वैष्णो देवी मंदिर तक जाने की थी। उनके पिता, माता और भाई का परिवार भी वहां जाने वाला था। मनीष ने साथ में बाहर जाने की योजना बनाई थी। इसी के तहत मंगलवार को मनीष का परिवार पुरुलिया स्थित झालधर के घर से वैष्णो देवी के लिए रवाना हुए। लेकिन डाल्टनगंज पहुंचने के बाद ही उन्हें फोन पर पता चला कि मनीष की पहलगाम में आतंकवादियों ने हत्या कर दी। परिवार झालदा लौट आया है। मनीष के माता-पिता गहरे सदम में हैं।
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