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पंजाब में धान की खरीद शुरू नहीं होने से किसान आढ़ती और शेलर मालिक नाराज हैं। उन्होंने 13 अक्टूबर को तीन घंटे के लिए पंजाब की सभी सड़कों पर यातायात बंद करने का फैसला किया है। किसान नेताओं ने दिल्ली आंदोलन की तर्ज पर एक और आंदोलन शुरू करने का सुझाव दिया। किसानों ने आरोप लगाए कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा में फूट डालने की कोशिश कर रही है।

चंडीगढ़। मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं होने पर किसानों, आढ़तियों व शेलर मालिकों ने पंजाब व केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की घोषणा करते हुए 13 अक्टूबर को सुबह 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक तीन घंटे के लिए पंजाब की सभी सड़कों पर यातायात बंद करने का फैसला लिया है। सड़क जाम करने के बाद 14 अक्टूबर को पंजाब के सभी संगठनों की फिर से संयुक्त बैठक बुलाई गई है जिसमें अगले आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी।

ढाई घंटे तक चली किसान संगठनों की बैठक

संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले प्रदेश की दोनों आढ़ती एसोसिएशनों, शेलर मालिक एसोसिएशनों व मोर्चा में शामिल किसान संगठनों की संयुक्त बैठक शुक्रवार को किसान भवन में ढाई घंटे चली।

बैठक में प्रतिनिधियों ने कृषि, किसानों व खेत मजदूरों के मुद्दों पर चर्चा की और कहा कि यदि भविष्य में एकजुट होकर संघर्ष नहीं किया तो न केवल कृषि संकट ही बढ़ेगा, कृषि से जुड़े अन्य व्यवसाय भी ठप्प हो जाएंगे।

सभी नेताओं ने दिल्ली आंदोलन की तर्ज पर एक और आंदोलन शुरू करने का सुझाव दिया ताकि केंद्र व पंजाब सरकार पर दबाव बनाया जा सके।

'संयुक्त किसान मोर्चा में फूट डाल रही है सरकार'

सरकार द्वारा एक यूनियन को बैठक के लिए बुलाने और दूसरे को नजरअंदाज करने की चर्चा करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा में फूट डालने की कोशिश कर रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि खेती व पंजाब को बचाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि से जुड़े सभी संगठनों को एक मंच पर इकट्ठा कर आंदोलन करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि गोदाम चावल से भरे हुए हैं, प्रदेश की मंडियों में धान की खरीद नहीं हो रही है और जहां मंडियों में खरीद हुई है, वहां उठान नहीं हो रहा है।

किसान नेताओं ने सरकार पर लगाए ये आरोप

उन्होंने कहा कि जब देश में अनाज का संकट था तो पंजाब ने अनाज के भंडार भर दिए थे। राजेवाल ने कहा कि धान की बुआई दूसरे राज्यों के लिए होती है इसलिए केंद्र सरकार को राज्य की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। आढ़ती एसोसिएशन के नेता रविंदर सिंह चीमा व विजय कालरा ने कहा कि सरकार आढ़त खत्म करना चाहती है।

कालरा ने कहा कि जब वे हड़ताल पर गए तो खरीद तो शुरू हो गई लेकिन बाद में धान उठाने की समस्या खड़ी हो गई। इस मौके पर शेलर एसोसिएशन के नेता भारत भूषण ने कहा कि गोदामों में 128 लाख मीट्रिक टन चावल है जबकि नया सीजन फिर से शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर कृषि एवं कृषि से जुड़े व्यवसाय को बर्बाद करना चाहती है।

पीआर 126 बिल्कुल नहीं खरीदेंगे- शेलर एसोसिएशन

शेलर एसोसिएशन के प्रधान तरसेम सैनी ने कहा कि धान का पीआर 126 हाइब्रिड बीज मंडी बोर्ड व खरीद एजेंसियों के अधिकारियों की मिलीभगत से किसान से लूटा जा रहा है और यदि किसान संगठन हमारा साथ दें तो जिन किसानों से इन्होंने यह धान खरीदा है, वह पैसे वापस दिलाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पीआर 126 बिल्कुल नहीं खरीदा जाएगा।

नाराजगी के कारण

धान में नमी अधिक धान खरीद में देरी के कारणों में मंडी लाए जाने वाले धान में नमी की मात्रा अधिक होना है। खरीद न होने से किसान नाराज हैं। टूट रहा पीआर 126 धान शेलरों की शिकायत है कि मंडियों में अब तक जो धान का हाइब्रिड बीज पीआर 126 किसानों से खरीदकर उन्हें दिया गया है, वह मिलिंग करते हुए बहुत अधिक मात्रा में टूट रहा है इसलिए दूसरी वेरायटी के धान की खरीदारी भी शीघ्र की जाए। 12 रुपये कमीशन कटौती आढ़ती अपनी कमीशन पर प्रतिटन 12 रुपये काटे जाने से रोष में हैं।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य सरकार की ओर से 12 रुपये की भरपाई करने का आश्वासन दिया था परंतु वे अभी भी इसे लेकर चिंता जता रहे हैं। आढ़तियों को यह भी चिंता है कि सरकार आढ़त समाप्त करना चाहती है।

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